नयी दिल्ली 11 अगस्त, सरकारी और संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को 26 सप्ताह का प्रसूता अवकाश करने वाले प्रसूति प्रसुविधा (संशोधन) विधेयक 2016 को आज राज्यसभा ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। इससे लगभग 18 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा लेकिन सेरोगेट मदर को यह सुविधा नहीं मिलेगी। सदन में लगभग दो घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए श्रम एवं राेजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि संंगठित क्षेत्र में महिलाओं को सबसे अधिक प्रसूता अवकाश देने वाला भारत तीसरा राष्ट्र बन जाएगा। प्रसूता महिलाओं को कनाडा में 50 सप्ताह और नार्वे में 44 सप्ताह का अवकाश प्रदान किया जाता है। फिलहाल में देश में प्रसूता महिलाओं को 12 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश दिया जाता है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि इसके अलावा प्रसूता महिलाओं को 3500 रुपए भी दिए जाएगें। उन्होंने कहा कि प्रसूता अवकाश बढ़ने से मां और बच्चे को बेहतर जीवन मिलेगा। उन्होंने विधेयक के अन्य प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि कम से कम 50 कर्मचारियों वाले संस्थान को शिशु गृह (क्रेच) स्थापित करना अनिवार्य होगा। महिला अपने बच्चे से मिलने दिन में चार बार जा सकेंगी। संबंधित कानूनों का प्रावधान नहीं करने वाले नियोक्ता को एक वर्ष तक की जेल हो सकती है। उन्होंने कहा कि 26 सप्ताह के प्रसूता अवकाश का लाभ दो बच्चों तक लिया जा सकता है। यह लाभ अधिकृत माता और दत्तक माता को मिलेगा लेकिन सेरोगेट मदर इसकी हकदार नहीं होगी।
शुक्रवार, 12 अगस्त 2016
संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को 26 सप्ताह का प्रसूता अवकाश
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