शहाबुद्दीन मामले में प्रशांत भूषण की याचिका के बाद सरकार की पहल बेमानी : सुशील मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

शहाबुद्दीन मामले में प्रशांत भूषण की याचिका के बाद सरकार की पहल बेमानी : सुशील मोदी

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पटना 16 सितम्बर, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के "शहाबुद्दीन प्रेम" से डरी नीतीश सरकार ने तेजाब कांड में बाहुबली पूर्व सांसद को मिली जमानत को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने में बहुत देर कर दी । श्री मोदी ने कहा कि मो.शहाबुद्दीन की जमानत को चुनौती देने की वकील प्रशांत भूषण की घोषणा के बाद भी सरकार ने पहल करने के बजाय शुक्रवार को उनकी याचिका दाखिल होने तक इंतजार किया। याचिका के बाद नोटिस का जवाब देना पड़ता, इसलिए सरकार ने याचिका दायर करना ही बेहतर समझा। उन्होंने कहा कि सीवान के सतीश राजऔर गिरिश राज की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले मो0 शहाबुद्दीन को जमानत 2 मार्च 2016 को मिली थी । सरकार को बताना चाहिए कि क्या इस मामले में भी जमानत के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय जाने के लिए नीतीश सरकार पिछले छह माह से किसी प्रशांत भूषण का इंतजार कर रही है । भाजपा नेता ने कहा कि श्री नीतीश कुमार में मो0 शहाबुद्दीन पर सीधे कानूनी वार करने की हिम्मत नहीं है, इसलिए वे प्रशांत भूषण और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जरिये उनके खिलाफ कानूनी शिंकजा कसने का इंतजार करते रहे । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि महागठबंधन के आपराधिक छवि वाले नेताओं के खिलाफ दूसरे लोग पहल करें, ताकि सरकार पर कोई आंच न आये। श्री मोदी ने कहा कि जब श्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्री थे, तब वे मो0 शहाबुद्दीन की पत्नी को अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन भाजपा की आपत्ति के बाद वे ऐसा नहीं कर सके थे । उन्होंने कहा कि श्री कुमार को सजायाफ्ता मो0 शहाबुद्दीन से कोई परहेज नहीं, बल्कि वे तो सिर्फ उन्हें नेता न मानने वाले बयान से नाराज हैं । उन्हें बताना चाहिए कि क्या यदि मो0 शहाबुद्दीन श्री कुमार के बारे में अपनी टिप्पणी वापस लेकर उनका नेतृत्व स्वीकार कर लेते हैं, तो क्या सरकार उनके सारे गुनाह माफ कर देगी ।

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