पटना 29 नवम्बर। आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन काँग्रेस (एटक) की राष्ट्रीय सामान्य परिषद की 27, 28 एवं 29 नवम्बर तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों के साथ सम्पन्न हो गया। बैठक के बाद एटक राजय कार्यालय केदार भवन, पटना में एक प्रेस काँन्फ्रेंस को एटक के राष्ट्रीय महासचिव का॰ गुरूदास दास गुप्ता, पूर्व सांसद एवं राज्य महासचिव का॰ चक्रधर प्रसाद सिंह ने संबोधित किया। का॰ गुरूदास ने नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि 500 और 1000 रूपये के पुराने नोट बंद करने से कालाधन कितना आयेगा यह देखने के बाद बतायेंगे परंतु नोटबंदी से आम लोगों की परेषानी काफी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि बैठक में एटक ने मजदूरों के छटंनी तालाबंदी, मजदूरों की मजदूरी नहीं मिलने के खिलाफ संघर्ष चलाने का फैसला लिया गया। समान काम का समान वेतन के लिए ऐटक आन्दोलन चलायेगी। का॰ गुरूदास दास गुप्ता ने कहा कि मोदी देष के प्रधानमंत्री हैं। परंतु, रिजर्व बैंक के गवर्नर की तरह एक्ट कर रहे हैं। मोदी के दो वर्षों के शासन में कृषि मजदूर किसान परेषान हुए है, आषाकर्मी, आंगनबाड़ी एवं मध्यान्न भोजन के रसोईयों की मजदूरी काफी कम है। ऐसे में समान काम के लिए समान वेतन दिलाने का संघर्ष तेज करना ही होगा।
प्रेस कांफ्रेंस को बिहार एटक के महासचिव काॅ॰ चक्रधर प्रसाद सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी से किसानों को खाद, बीज खरीदने में परेषानी हो रही है तथा छोटे-छोटे उद्योग, जहाँ नगद मजदूरी दी जाती है। ऐसे उद्योग में मजदूरों को देने के लिए बैंकों से पैसे नहीं निकल रहे हैं। जिसमें छोटे उद्योग में बंदी का खतरा मंडरा रहा है। तीन दिवसीय बैठक में देष का जी॰डी॰पी॰ कम होने जाने पर चिन्ता व्यक्त किया गया वहीं केन्द्र सरकार की साम्प्रदायिकता एवं जातिवाद वाली हिन्दुत्वादी नीतियों एवं खतरनाक आर्थिक नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने की जरूरत बतायी गयी। इस तीन दिवसीय बैठक की अध्यक्षता काॅ॰ रमेन्द्र कुमार, अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद के साथ एक अध्यक्षमंडल के सभापतित्व में हुई। पूरे देष से 300 राष्ट्रीय सामान्य परिषद के सदस्यों ने हिस्सेदारी ली। जिन्हें शहर के विभिन्न होटालों में ठहराया गया, इनके भोजन आदि की व्यवस्था जनषक्ति प्रेस प्रांगण में किया गया था, बैठक हेतु पटना शहर को झंडों झंडियों सजाया गया तथा कई तोरण द्वार इनके स्वागत में बनाए गये थे। बैठक में आये प्रतिनिधियों के चादर एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। क्यूबा की समाजवादी क्रांति के मसीहा फिदेल कास्त्रों के निधन पर बैठक के सभागार में उनकी तष्बीर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि देकर क्यूबा में समाजवादी क्रांति में उनके योगदान को याद किया गया।
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