नयी दिल्ली 29 नवंबर, नोटबंदी को देखते हुए कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों एवं विधायकों को नौ नवम्बर से 31 दिसम्बर के बीच बैंक खातों से किए गए लेनदेन को सार्वजनिक करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भाजपा सदस्यों को नौ नवम्बर से पहले किए गए लेन देन का भी खुलासा करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि नोटबंदी से पहले इसकी जानकारी होने के कारण उन्होंने कितने काले धन को सफेद किया। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और लोकसभा में माकपा के उपनेता मोहम्मद सलीम तथा आप पार्टी के प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज श्री मोदी के इस निर्देश पर तीखा प्रहार करते हुए यह सवाल खड़ा किया और इस लेन देन की संसद की संयुक्त समिति से जांच कराने की भी मांग की। श्री सुरजेवाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा ने नोटबंदी से ऐन पहले ओडिशा के 18 जिलों में सम्पत्ति की खरीद और बिहार में आठ सौदों के जरिए काले धन को सफेद करने का काम किया। इससे जाहिर होता है कि उसके नेताओं को पहले से नोटबंदी की जानकारी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा को पिछले बारह महीने में अपने करोड़ों रुपए के स्रोत का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री काला धन धारकों को नये नये तरीके से संरक्षण दे रहे हैं और वह पहले फिफ्टी फिफ्टी प्रधानमंत्री हो गए हैं। वास्तव में उनकी गरीब कल्याण योजना का असली नाम यह नहीं है बल्कि काला धन धारक योजना है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि प्रधानमंत्री कालेधन पर रोक लगाने के लिए इतने चिन्तित थे तो उन्होंने विदेशों में धन भेजने की सीमा को 25 हजार डॉलर से बढ़ाकर दो लाख डॉलर क्यों किया। श्री सुरजेवाला ने कहा कि किसी भी विधेयक में संशोधन करने से पहले उसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है लेकिन संसदीय इतिहास में आज पहली बार ऐसा हुआ है कि संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजे बिना और उस पर चर्चा कराए बिना ही पारित करा दिया गया। इस तरह से संसदीय नियमों की धज्जियां उड़ायी गईं।
मंगलवार, 29 नवंबर 2016
भाजपा 9 नवम्बर से पहले किए गए लेन देन का खुलासा करे: विपक्ष
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