पटना, 14 नवम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिवमंडल ने सासाराम के उदीयमान नीडर पत्रकार और फुटबाॅल के मषहूर खिलाड़ी धर्मेद्र कुमार की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दिवंगत पत्रकार के परिजनों के साथ-साथ संपूर्ण मीडिया जगत को अपनी गहरी संवेदना प्रेषित की। भाकपा नेतृमंडल ने राज्य में कानून व्यवस्था की निरंतर गिरती अवस्था की भत्र्सना करते हुए कहा कि जनता के विविध हिस्सों का वाणी देने वाले मीडिया के लोग जहां दंवगों वो माफियाओं द्वारा मौत के घाट उतारे जा रहे हैं, वहां आम आदमी को क्या दषा होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि दिवंगत पत्रकार धर्मेन्द्र का घर सासाराम में अमरा तालाब के समीप है जहां पत्थर माफियाओं की दादागिरी चलती है, अवैध पत्थर का खनन होता है और क्रषरमंडी हैं । कुछ महीनों पूर्व धर्मेन्द्र में उनके कुकृत्यों का पर्दाफाष करने का जोखिम उठाया था जिसके जवाब में उनके गुर्गों ने उन्हें सदा-सदा के लिए खामोष कर दिया जब वह रोज की भांति प्रभात विचरण से लौट कर चाय पी रहे थे।
ताज्जुब है कि बिहार सरकार पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करने में लगातार विफल होती रही है। इसके पूर्व सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन, जो हिन्दुस्तान से जुड़े हुए थे, की भी हत्या रहस्यमय तरीके से कर दी गयी थीं जिसमें बाहुबली से नेता बने सैयद शहावुद्दीन की संदिग्ध संलिप्तता भी उजार हो रही है। भाकपा राज्य सचिवमंडल की ओर से जारी बयान में मुख्यमंत्री नीतीष कुमार से मांग की गयी है कि वह कानून व्यवस्था को लेकर लगातार धूमिल होती जा रही अपनी छवि को गंभीरता से लेते हुए माफियाओं दबंगों और मनचले अपराधिकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और पत्रकारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें तथा हत्या के षिकार दैनिक भाष्कर के पत्रकार धर्मेन्द्र कुमार के परिजनों को समुचित सुरक्षा मुहैया करें, पर्याप्त मुआवजा दें, उनकी पत्नी को रोजगार और बच्चे की षिक्षा की व्यवस्था सरकार की ओर से करें। भाकपा नेताओं ने समस्त बिहारवासियों का आह्वान किया है कि वे इस घटना के प्रतिरोध में विरोध दिवस मनाएं और लोकतंत्र के चैथे स्तंभ -मीडिया की, मीडियाकर्मियों की आजादी और जीवन की रक्षा के लिए आगे आएं।

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