पटना, 26 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से समाज में प्रेम, भाईचारा कायम रखने का आह्वान करते हुए आज कहा कि आपसी प्रेम, सद्भाव और शिक्षा के बल पर राज्य अपने पुराने गौरशाली अतीत को फिर से प्राप्त करने में सफल होगा। श्री कुमार ने पटना के फुलवारीशरीफ प्रखंड के सकरैचा महादलित टोला में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित झंडोत्तोलन समारोह में शामिल हुए। सकरैचा महादलित टोला के बुजुर्ग शत्रुघ्न मांझी ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में झंडोतोलन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये कहा, “ आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमलोगों ने संविधान को अंगीकार किया था और इसलिये इस दिवस को हर साल हमलोग गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। देश के संविधान की खासियत है। संविधान ने सबको बराबरी का अधिकार दिया है। हर किसी के वोट की कीमत बराबर है। संविधान ने नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किये हैं, जो सबको न्याय दिलाता है। उन्होंने कहा कि देश का संविधान दुनिया के अन्य देशों के संविधान से अच्छा एवं बेहतर है। ”
श्री कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ साल पहले यह देखा कि समाज में हर तबके को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिये। जो तबका अंतिम पायदान पर है, उनकी उतनी भागीदारी नहीं थी। महिलाओं की आबादी आधी है लेकिन भागीदारी नहीं थी। हमलोगों ने पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में पचास प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, जिसका अनुसरण देश के अन्य हिस्सों में हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण लड़कियां प्राथमिक विद्यालय के बाद शिक्षा जारी नहीं रख पाती थी। उन्होंने कहा कि मध्य विद्यालय में लड़कियों के लिये पोशाक योजना की शुरूआत की गयी। उच्च विद्यालय में लड़कियों के लिये साइकिल योजना की शुरूआत की गयी। इसके अलावा लड़कियों की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया। अब गांव-गांव में लड़कियां साइकिल चलाते हुये स्कूल जाते दिखाई देती हैं। माहौल बदल गया, लोगों का सोच, विचार बदल गया, कितना बड़ा परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी से नई सामाजिक क्रांति की शुरूआत हुई । शराबबंदी के पूर्व शराब पीने वाले जो कमाते थे, ज्यादा हिस्सा शराब में गवा देते थे। आज शराबबंदी के बाद वही लेाग हंसते-मुस्कुराते हुये घर आते हैं और साथ में सब्जी लाते हैं, यही सामाजिक परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हो गया। उन्होंने कहा कि अब शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर जा रहे हैं।
श्री कुमार ने कहा कि 21 जनवरी से नशामुक्ति अभियान शुरू हुआ है जो 22 मार्च को बिहार दिवस के समापन के दिन समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी को 11 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने का लक्ष्य रखा गया था और उम्मीद थी कि दो करोड़ लोग शामिल होंगे। उन्होंने समस्त बिहारवासियों को बधाई देते हुये कहा कि दो करोड़ नहीं बल्कि चार करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बना दी, यह मामूली बात नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत में समाज और परिवार को बर्बाद नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सकारात्मक मुद्दे को लेकर इतनी बड़ी मानव श्रृंखला दुनिया में कहीं नहीं बनी थी। बिहार ने इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि बिहार से जो बात निकली है, उसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रकाश पर्व के अवसर पर पटना में शराबबंदी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार में शराबबंदी कारगर साबित हो रही है। बिहार में शराबबंदी से ऐसा वातावरण बन रहा है कि दूसरी जगहों पर भी लागू होने से कोई रोक नहीं पायेगा। श्री कुमार ने कहा ,“ हम जो कहते हैं, वह करते हैं। सात निश्चय की येाजनाओं को लागू करने के बारे में जो कहा था, उन सब पर अमल शुरू हो गया है। हर घर नल का जल, हर घर शौचालय निर्माण, पक्की गली-नाली, हर घर बिजली कनेक्षन उपलब्ध कराया जायेगा ताकि बुनियादी नागरिक सुविधायें सबको प्राप्त हो सके, इसे विकेन्द्रीकृत तरीके से लागू कर रहे हैं। ” इस मौके पर सकरैचा महादलित टोला में ध्वजारोहण करने वाले बुजुर्ग शत्रुघ्न मांझी, विधायक श्याम रजक समेत अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

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