मेलबोर्न, 26 जनवरी, टेनिस इतिहास की सबसे मशहूर विलियम्स बहनों वीनस और सेरेना के बीच वर्ष के पहले ग्रैंड स्लेम आस्ट्रेलियन ओपन का खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। दोनों के बीच ग्रैंड स्लेम के खिताब का फैसला करने के लिये यह नौवीं भिड़ंत होगी। विलियम्स बहनों में छोटी बहना 35 वर्षीय सेरेना ने विध्वंसक प्रदर्शन करते हुये क्रोएशिया की 34 वर्षीय मीरजाना लूसिच बरोनी को 6-2 6-1 से निपटाया जबकि 13वीं सीड बड़ी बहन 36 वर्षीय वीनस ने हमवतन कोको वेंडेवेग को तीन सेटों के संघर्ष में 6-7 6-2 6-3 से पराजित किया। वीनस और सेरेना इस तरह नौवीं बार किसी ग्रैंड स्लेम टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में आमने सामने होंगी। खिताब किसी की भी झोली में जाये लेकिन यह तय है कि आस्ट्रेलियन ओपन उनके घर में ही रहेगा। अपनी बहन से एक साल छोटी सेरेना ने कहा“ हम दोनों के लिये ही फाइनल एक तरह से सपना पूरा होने जैसा है। वह हमेशा मेरी कड़ी प्रतिद्वंद्वी रही हैं। वीनस ने जितना मुझे हराया है उतना मुझे किसी ने नहीं हराया है। नतीजा कोई भी हो लेकिन एक विलियम्स चैंपियन बनेगी।” पूर्व नंबर एक वीनस ने दूसरी बार अपने करियर में आस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में जगह बनाई जबकि सेरेना अपने सातवें आस्ट्रेलियन ओपन खिताब तथा रिकार्ड 23वें ग्रैंड स्लेम के लिये उतरेंगी। सेरेना ने 2003 में वीनस को इसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में हराया था।
सेरेना से सेमीफाइनल में हारने वाली बरोनी ने मेलबोर्न पार्क में 15 साल की उम्र में जूनियर युगल खिताब जीता था। अपनी निजी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव से गुजरने के बाद बरोनी ने विश्व की 79वें नंबर की खिलाड़ी के रूप में सेमीफाइनल में जगह बनाई। बरोनी के बायें पैर में पट्टियां बंधीं थी। उन्होंने मैच में उतरने के साथ ही विनर्स झाेंकने चालू किये लेकिन यह विश्व की दूसरे नंबर की खिलाड़ी को रोकने के लिये पर्याप्त नहीं थे। दूसरी सीड सेरेना ने 50 मिनट में ही मुकाबले को निपटा दिया। छह बार की चैंपियन सेरेना को रोकना बरोनी के बस की बात नहीं थी। सेरेना की पहली ही सर्विस सही जगह पर थी और उन्होंने बरोनी का फोरहैंड नेट में उलझते ही जीत अपने नाम कर ली। सेरेना ने इसके साथ ही अपने 29वें ग्रैंड स्लेम फाइनल में जगह बना ली जहां अब वह 23वें खिताब के लिये खेलेंगी। मैच के बाद सेरेना ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को नेट के पास जोर से गले लगाया जिसके बाद बरोनी ने इस दिन को यादगार बनाने के लिये सेरेना के साथ सेल्फी भी ली। सेरेना ने कहा“ ईमानदारी से कहूं वह एक प्रेरणा हैं। उन्हें हर श्रेय मिलना चाहिये। जिन हालात से वह गुजरीं उन्होंने सिर्फ मुझे प्रेरित ही किया।” सेरेना की बड़ी बहन वीनस को अपना मुकाबला जीतने के लिये अपनी छोटी बहन से तीन गुना ज्यादा समय कोर्ट पर गुजारना पड़ा। उन्होंने विश्व की 35वें नंबर की खिलाड़ी वेंडेवेग से पहला सेट टाईब्रेक में हारने के बाद शानदार वापसी करते हुये जीत हासिल की। वीनस ने पहले सेट का टाईब्रेक 3-7 से गंवाया लेकिन पावर गेम की धनी वीनस ने इसके बाद पावर गेम का ही नमूना पेश करते हुये अगले दो सेट 6-2 6-3 से निपटा दिये। वीनस की जीत में सबसे बड़ी खासियत यह रही कि उन्होंने 13 ब्रेक अंकों में से 12 में अपनी सर्विस बचा दी। सात ब्रेक अंकों का सामना तो उन्होंने दूसरे सेट में ही किया। अपना मैच जीतने के बाद वीनस ने इसका जश्न कोर्ट में चारों ओर डांस कर मनाया। इसके साथ ही वह प्रोफेशनल युग में आस्ट्रेलियन ओपन के महिला फाइनल में जगह बनाने वाली सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गयीं।

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