नयी दिल्ली, 15 फरवरी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने विद्यालयों में शारीरिक दंड की प्रथा समाप्त करने के लिए स्कूल प्रशासनों से राष्ट्रीय बाल संरक्षण अायाेग के निर्देशों को सख्ती से लागू करने को कहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि स्कूलों में शारीरिक दंड की प्रथा समाप्त करने के लिए व्यापक रूप से जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आज यहां एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुछ छात्राें को गृहकार्य नहीं करने पर शारीरिक दंड देने की घटना दुखद है। इस संबंध में समाज में भी व्यापक प्रतिक्रिया की गयी है। बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने इस संबंध में व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में श्रीमती गांधी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में छात्राओं को शारीरिक दंड देने की यह घटना वेदनाकारी है। विद्यालयों में शारीरिक दंड देना कानूनन प्रतिबंधित है। मंत्रालय को इस संंबंध में विद्यालयों को व्यापक रुप से जागरूक किया जाना चाहिए।
बुधवार, 15 फ़रवरी 2017
विद्यालयों में शरीरिक दंड की प्रथा समाप्त होनी चाहिए: मेनका
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