बिहार में अवैध खनन पर ड्रोन से रखी जायेगी नजर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

बिहार में अवैध खनन पर ड्रोन से रखी जायेगी नजर

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पटना 25 अप्रैल, बिहार में अवैध खनन के खिलाफ कमर कस चुकी नीतीश सरकार कानून तोड़ने वालों को सख्त सजा दिलाने और कई अन्य ठोस कदम उठाने के साथ अब निगरानी के लिए ड्रोन की भी मदद लेगी । राज्य के खनन मंत्री मुनेश्वर चौधरी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने पूरे प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कई ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जायेगा । उन्होंने कहा कि सुदूर क्षेत्रों में निगरानी रखने में कठिनाई होती है लेकिन ड्रोन के जरिये अवैध खनन पर नजर रखी जा सकती है । श्री चौधरी ने कहा कि एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच अवैध खनन के खिलाफ 4663 छापेमारी कर 223 लोगों को गिरफ्तार किया गया । इस अवधि में अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ 863 प्राथमिकी दर्ज की गयी और 16 करोड़ 31 लाख रूपये जुर्माने के रूप में वसूल किये गये । 


खनन मंत्री ने कहा कि राजस्व की हानि को रोकने के लिए खनन का पट्टा ई-ऑक्सन के जरिये दिया जायेगा और ई - चलान जारी करने का चलन शुरू किया जायेगा ताकि अवैध एवं अनियमित माल ढुलाई पर अंकुश लग सकेगा । उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1100 करोड़ रूपये के लक्ष्य के विरूद्ध 993.83 करोड़ रूपये राजस्व की वसूली की गयी जो लक्ष्य का 90.35 प्रतिशत है । उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये विभाग ने 1350 करोड़ रूपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है । श्री चौधरी ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा निर्देश के अनुसार ही खनन के लिए पट्टा दिया जाता है । उन्होंने कहा कि विभाग का कार्य राजस्व वसूली को सिर्फ बढ़ाना नहीं बल्कि खनन से पर्यावरण पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव को रोकना भी है । मंत्री ने कहा कि पूर्णिया बेसिन में राज्य सरकार ने तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग(ओएनजीसी) 2537 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हाइड्रोकार्बन की खोज के लिए पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति दी थी । उन्होंने कहा कि ओनजीसी ने बहादुगंज में कार्य भी शुरू कर दिया था लेकिन हाइड्रोकार्बन की उपलब्धता नहीं पाये जाने के कारण इसे रोक दिया गया । इसी तरह बेतिया बेसिन में भी 2227वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ओएनजीसी और टाटा को तेल और प्राकृतिक गैस की खोज के लिए अनुज्ञप्ति दी गयी थी लेकिन यहां भी उत्साह वर्द्धक परिणाम प्राप्त नहीं होने के कारण सर्वेक्षण कार्य बंद कर दिया गया। 

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