ईवीएम छेड़छाड़ मामला : केंद्र, निर्वाचन आयोग को नोटिस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

ईवीएम छेड़छाड़ मामला : केंद्र, निर्वाचन आयोग को नोटिस

evm-tempring-sc-noice-to-center-ec
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की याचिका पर आज केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से आज जवाब-तलब किया। बसपा ने ईवीएम के दुरुपयोग के मद्देनजर मतपत्रों के जरिये मतदान कराने अथवा ईवीएम के साथ वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के इस्तेमाल की अनुमति देने का अनुरोध न्यायालय से किया है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायवती की पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनावों में शीर्ष अदालत के 2013 के दिशानिर्देश के अनुरूप मतदान के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल होना चाहिए। न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करके आठ मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को भी वादकालीन याचिका (आईए) दायर करने की अनुमति दी है। बसपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदम्बरम की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने वीवीपीएटी के बिना ईवीएम से हुए चुनावों को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। श्री चिदम्बरम ने दलील दी कि निर्वाचन आयोग के कई बार बताये जाने के बावजूद सरकार ने ईवीएम के साथ वीवीपीएटी लगाने के लिए धनराशि आवंटित नहीं की। उन्होंने शीर्ष अदालत से यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने इस मुद्दे पर सामान्य नियमों से परे हटकर सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने बताया कि ईवीएम के साथ वीवीपैट जोड़े जाने के लिए निर्वाचन आयोग को 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत है, पर केंद्र सरकार यह धनराशि आवंटित नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अमेरिका के एक देश को छोड़कर विश्व के किसी भी देश में मतदान के लिए ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में हुई करारी हार के बाद सुश्री मायावती ने संवाददाता सम्मेलन बुलाकर ईवीएम के दुरुपयोग का मामला उठाया था। बाद में कुछ अन्य दलों ने भी बसपा प्रमुख के आरोपों का समर्थन किया था।

कोई टिप्पणी नहीं: