नयी दिल्ली/न्यूयॉर्क, 04 अप्रैल, भारत ने पाकिस्तान के साथ उसके लंबित मुद्दों के समाधान के लिये अमेरिकी मध्यस्थता के सुझाव को आज दृढ़ता से ठुकरा दिया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निकी हेली ने कल न्यूयॉर्क में कहा था कि ट्रंप प्रशासन दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के प्रयासों में हिस्सा बनना पसंद करेगा। कूटनीतिक गलियारों में इसे अमेरिकी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका का अब तक यह रुख रहा है कि भारत और पाकिस्तान अपने मसलों को द्विपक्षीय ढंग से सुलझायें। सुश्री हेली की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि भारत पाकिस्तान के सभी मसलों को आतंक एवं हिंसा से मुक्त वातावरण में द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाना चाहिये और इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि भारत को अपेक्षा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संगठन पाकिस्तान के पनपने वाले आतंकवाद को लेकर अंतर्राष्ट्रीय प्रावधानों एवं नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करे जो हमारे क्षेत्र एवं आसपास के इलाके में शांति एवं स्थिरता के लिये अकेला सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। सुश्री हेली ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने के प्रयासों में भागीदार बनने की कोशिश करेगा। उन्हाेंने कहा था, “हमें नहीं लगता कि हमें कुछ होने का इंतज़ार करना चाहिये। हमें लगता है कि हमें सक्रिय होना चाहिये क्योंकि तनाव बढ़ता दिख रहा है और टकराव कभी भी शुरू हो सकता है और इसलिये हम चाहेंगे कि हम उसमें हिस्सा बनें।”
बुधवार, 5 अप्रैल 2017
भारत ने पाकिस्तान पर अमेरिकी मध्यस्थता का सुझाव ठुकराया
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