नयी दिल्ली, 04 अप्रैल, तिब्बत के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा को लेकर चीन द्वारा आपत्ति उठाये जाने के बीच भारत ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि दलाई लामा की आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों को लेकर कोई नकली विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक बयान में कहा कि सरकार कई माैकों पर यह स्पष्ट तौर पर कह चुकी है कि परम पावन दलाई लामा एक सम्मानित धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेता हैं जिनका भारतीय लोग भी बहुत सम्मान करते हैं। उनकी भारत के राज्यों में यात्राओं और आध्यात्मिक धार्मिक गतिविधियों काे कोई दूसरा रंग नहीं दिया जाना चाहिये। श्री बागले ने कहा कि सरकार आग्रह करती है कि दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की वर्तमान यात्रा को लेकर कोई नकली विवाद नहीं खड़ा किया जाना चाहिये। बयान में दलाई लामा की वेबसाइट के हवाले से कहा गया कि वह अरुणाचल प्रदेश की पहली यात्रा पर 1983 में गये थे और तब से वह छह बार-1996, 1997, अप्रैल एवं मई 2003 तथा 2009 उस राज्य की यात्रा पर जा चुके हैं। दलाई लामा चार से 13 अप्रैल तक अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर रहेंगे। उनकी वहां केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात होगी जो वहां के सांसद हैं। दलाई लामा की यात्रा पर चीन ने हमेशा की तरह सख़्त आपत्ति व्यक्त की है। पिछले साल भारत में अमेरिका के तत्कालीन राजदूत रिचर्ड वर्मा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा को लेकर भी चीन ने ऐतराज जताया था।
बुधवार, 5 अप्रैल 2017
दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर ‘नकली विवाद’ की कोई जगह नहीं: सरकार
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