लखनऊ 29 अप्रैल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गैंगरेप के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत अर्जी मंजूर करने वाले पाक्सो न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ओ पी मिश्रा को निलंबित कर दिया। न्यायाधीश ओ पी मिश्रा कल सेवानिवृत्त होने वाले थे जबकि बीती रात उन्हे अपने निलंबन का आदेश मिला। अदालत ने न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच समिति गठित की है जो कल से मामले की जांच करेगी। अधिकारियों ने जज के निलंबन की आज पुष्टि की है। मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी भोसले ने कल प्रजापति की जमानत पर रोक लगा दी थी जिसके बाद श्री मिश्रा के निलंबन की कार्रवाई की गयी। मुख्य न्यायाधीश ने जमानत देने वाले न्यायाधीश पर कडी टिप्पणी करते हुये कहा कि अपराध की प्रवृत्ति को नजरअंदाज करते हुये जल्दबाजी में जमानत देने का आदेश दिया गया। पिछली 25 अप्रैल को एक स्थानीय अदालत ने गैंगरेप और धमकी दिये जाने के बहुचर्चित मामले में गायत्री प्रजापति और दो अन्य आरोपियों पिंटू सिंह और विकास वर्मा गैंगरेप और धमकी दिये जाने के मामले में 17 फरवरी को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार आरोपी पूर्व मंत्री के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और उन्हे 14 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
रविवार, 30 अप्रैल 2017

गायत्री की जमानत अर्जी मंजूर करने वाले न्यायाधीश निलंबित
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