पटना 09 अप्रैल, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कथित मिट्टी-मॉल घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के आज दिये गये बयान पर पलटवार करते हुये कहा कि पांच दिन बाद ही सही लेकिन श्री यादव ने अपने और परिवार पर उनके लगाये गये आरोपों को स्वीकार कर लिया है। श्री मोदी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं श्री यादव को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे द्वारा लगाये गये आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुये इसे स्वीकार कर लिया है कि कैसे एक चपरासी का बेटा केवल चार लाख रुपये का निवेश करके 500 करोड़ रुपये से अधिक कमा सकता है। राजद अध्यक्ष और उनके परिवार ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के जरिये राजधानी पटना में जमीन हस्तगत करवाने से लेकर उस जमीन पर शॉपिंग मॉल के निर्माण में 500 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है।” भाजपा नेता ने कहा, “श्री यादव ने स्वीकार किया कि जमीन हस्तगत करवाने से लेकर मॉल निर्माण के लिए अपनाई गई सभी प्रक्रियाएं कानूनी रूप से सही है। स्थापित कानून के मुताबिक सारे काम किये गये हैं। लेकिन, राजद अध्यक्ष ने एक बार भी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, लारा प्रोजेक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड, इन कंपनियों में उनके दोनों मंत्री पुत्रों तेजप्रताप यादव (पर्यवरण एवं वन मंत्री) और तेजस्वी यादव (उप मुख्यमंत्री) के क्रमश: बतौर निदेशक होने और हिस्सेदारी होने की बात से इनकार भी नहीं किया है, जो यह साबित करता है कि इस घोटाले में उनकी ओर से लगाये गये आरोपों को श्री यादव ने स्वीकार कर लिया है।”
श्री मोदी ने कहा कि डिलाइट कंपनी ने पिछले 15 वर्ष में बिहार में कोई कारोबार नहीं किया है। इतने वर्षों में उस कंपनी ने केवल एक ही काम किया है और वह है सुजाता होटल के मालिक हर्ष कोचर से दो एकड़ जमीन हस्तांतरित करवाना और उस जमीन को श्री लालू यादव को सौंप देना। उन्होंने कहा कि किसी भी कंपनी की स्थापना कारोबार करने और कमाई करने के उद्देश्य से की जाती है लेकिन इस कंपनी ने अपने उद्देश्यों के अनुरूप कोई काम नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद अध्यक्ष ने इस कंपनी का इस्तेमाल केवल बेनामी संपत्ति को कानूनी रूप से सही बनाने के लिए किया है। भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव के दोनों पुत्र बिहार में मंत्री हैं लेकिन इन दोनों ने प्रत्येक वर्ष दिये जाने वाले संपत्ति के विवरण में डिलाइट कंपनी और लारा प्रोजेक्ट्स के उनकी हिस्सेदारी या उनके निदेशक मंडल में शामिल होने का कोई उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की हमेशा से वकालत करते रहे हैं, आज जब राज्य में ही इतनी बड़ी बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है तो उन्हें इसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करते हुये पर्यावरण एवं वन मंत्री तेजप्रताप यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि यह मामला प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में आता है और इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए वह इन एजेंसियों का दरवाजा खटखटायेंगे। उन्होंने राजद अध्यक्ष के उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा नहीं करने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि इससे तो यही स्पष्ट होता है कि श्री यादव यह स्वीकार करते हैं कि उनके और परिवार के खिलाफ लगाये गये सभी आरोप सही हैं।

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