पटना 09 अप्रैल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने और परिवार पर बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी के मॉल- मिट्टी के कथित घोटाले के आरोप पर आज पलटवार करते हुए उनके आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान को एक रुपये की भी मिट्टी नहीं बेची गयी । श्री यादव ने यहां दस सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले कई दिनों से श्री मोदी उनके और परिवार पर पटना के सगुना मोड़ स्थित निर्माणाधीन मॉल की मिट्टी 90 लाख रुपये में पटना के जैविक उद्यान में बेचे जाने का आरोप लगा रहे है । उनके पुत्र पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव पर भी बगैर निविदा के ही मॉल की मिट्टी को अपने विभाग को बेचने का आरोप लगाया गया हैं जो मनगढ़ंत है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि श्री मोदी आदतन आरोप लगाते रहते हैं । उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मॉल से निकली एक रुपये की भी मिट्टी जू को नहीं बेची गयी है । इस संबंध में वन विभाग की ओर से आवश्यक जांच भी की जा रही है । उन्होंने कहा कि मिट्टी कहा से जैविक उद्यान में आयी है इसका खुलासा जांच से हो जायेगा । उन्होंने कहा कि मॉल की मिट्टी को फुलवारीशरीफ और दानापुर के कब्रिस्तान को भेजी गयी है । श्री यादव ने कहा कि जब यह सच्चाई भाजपा नेता श्री मोदी की समझ में आ गयी तब वह जू को मिट्टी बेचे जाने के संबंध में चुप्पी साध ली है । श्री मोदी के पांच दिनों से इस मामले पर लगाये जा रहे अनर्गल आरोपों का वह जवाब नहीं दे रहे थे लेकिन जब परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जाने लगी तब उन्हें जवाब देना पड़ा । राजद अध्यक्ष ने कहा कि जो खुद घोटाला करते हैं वहीं इस तरह का आरोप लगाते हैं । ओडिशा के पूरी और झारखंड के रांची स्थित दो होटलों को कोचर बंधु को दिये जाने का मामला भी पूरी तरह से निराधार है । उन्होंने कहा कि 1999 में केन्द्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार थी तब इंडियन रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) का गठन किया गया था । श्री यादव ने कहा कि इसके गठन का उद्देश्य रेल यात्रियों को कैटरिंग एवं पर्यटन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है । इसके बाद आई आर सी टी सी द्वारा निविदा निकालकर ऊंची बोली लगाने वाले कोचर बंधुओं को 15 वर्ष के लीज पर पूरी और रांची में होटल दिया गया था । उन्होंने कहा कि इसमें रेल मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है । इसी तरह दिल्ली एवं कोलकाता यात्री निवासी को भी 15 वर्ष के लिए टाटा ग्रुप को आवंटित किया गया था ।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि कोचर बंधु से डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने फरवरी 2005 में पटना के सगुना मोड़ की मॉल वाली जमीन खरीदी थी। जमीन की खरीद कानून के तहत की गयी थी । उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 के दिसम्बर माह में रांची और पूरी में रेलवे के होटलों का लीज कोचर बंधु को दिया गया । जमीन निबंधन के 22 माह बाद कोचर बंधु को क्या कोई सपना आया था कि उन्हें दोनों होटलों का लीज मिलेगा । श्री यादव ने कहा कि एक साजिश के तहत उन्हें और परिवार को बदनाम करने की कुत्सित प्रयास किया जा रहा है । इसी तरह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव , पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बहुजन पार्टी सुप्रीमो मायावती को बदनाम करने की साजिश भाजपा रच रही है । उन्होंने कहा कि एक तरफ साम्प्रदायिकता फैलायी जा रही है और दूसरी तरफ चरित्र हनन करने का प्रयास किया जा रहा है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2008 में भी कुछ नेताओं ने उनपर इसी तरह का आरोप लगाया था । इसी नौ वर्ष पुराने मामले को फिर से श्री मोदी उठाकर जगहंसाई कर रहे है । उन्होंने कहा कि डिलाइट मार्केटिंग का बाद में नाम बदलकर लारा प्रोजेक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड किया गया जिसके तहत वर्ष 2014 में श्रीमती राबड़ी देवी ने चेक के माध्यम से भुगतान कर उसे खरीदा था । श्री यादव ने कहा कि कानून के तहत लारा कंपनी बनायी गयी और उस समय वह मंत्री के पद पर भी नहीं थी । श्रीमती राबड़ी देवी प्रत्येक वर्ष दिये गये अपने आयकर रिटर्न में इसे दर्शाती है । उन्होंने कहा कि श्रीमती राबड़ी देवी ने ही अपने पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को गिफ्ट के रुप में इसका शेयर दिया था । चुनाव के समय दिये गये संपत्ति के ब्यौरा में भी इसे दिखाया जाता रहा है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि चारा घोटाला का मामला न्यायालय में है और वह अदालत का सम्मान करते हैं । न्याय पर उन्हें पूरा भरोसा है । इस मौके पर राज्यसभा सांसद श्री गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2008 में लिमिटेड लाइवलीटी पार्टनरशिप (एलएलपी) एक्ट आया । इसके तहत व्यापार की सुविधा के लिए कई कंपनियों को एलएलपी के अनुसार बदला गया। इसी के बाद डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के निदेशक मंडल ने विवाद से बचने के लिए इस कंपनी को बेचने का निर्णय लिया था जिसके बाद इसके शेयर को कानून के तहत श्रीमती राबड़ी देवी और उनके दोनों पुत्रों को स्थानांतरण कर दिया गया ।

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