पटना 21 अप्रैल, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के बाद अगले सप्ताह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से होने वाली मुलाकात से विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार उतारने की कोशिश तेज हो गयी है। इस वर्ष जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार खड़ा करने के लिए विपक्ष मन बना चुका है। इसके मद्देनजर पहले श्री कुमार श्रीमती गांधी से मिले और उसके बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष से अलग से मुलाकात कर इस मुद्दे पर बातचीत की। राजद अध्यक्ष श्री यादव की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात को इस प्रयास की अहम कड़ी माना जा रहा है। इस मुलाकात का उद्देश्य राष्ट्रपति पद के साझा उम्मीदवार के लिए मजबूत रणनीति तैयार करना है। श्री यादव ने आज यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘श्रीमती गांधी ने फोन करके मुझे अगले हफ्ते मुलाकात करने के लिए आमंत्रित किया है। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का महागठबंधन बनाने की जरूरत पर भी चर्चा होगी।”
राजद अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की उपस्थिति पूरे देश में है। देश को भगवा मुक्त बनाने में कांग्रेस अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के नाते अगले लोकसभा चुनाव में राजग को रोकने के लिए महागठबंधन बनाने का उत्तरदायित्व भी कांग्रेस पर ही है।
श्री यादव ने कहा, “वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जिससे भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी थी लेकिन जब दूसरे राज्यों में हमने अलग-अलग चुनाव लड़ा तो हमे हार का मुंह देखना पड़ा।”
गौरतलब है कि श्री कुमार ने कई मौको पर अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस से महागठबंधन बनाने की अपील करते रहे हैं।
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