झारखण्ड : चुनावी समर में तब्दील हो चुका है लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 5 अप्रैल 2017

झारखण्ड : चुनावी समर में तब्दील हो चुका है लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र।

  •  दांव पर लगी है झामुमों व भाजपा की इज्जत

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गोपीकान्दर (दुमका) से अमरेन्द्र सुमन, लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिये मतदान की तिथि ज्यों-ज्यों करीब आती जा रही है, अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत को मुकम्मल बनाए रखने के निमित्त भाजपा, झामुमों, झाविमों सहित अन्य छोटी-छोटी पार्टियों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों के लिये प्रचार-प्रसार व जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया गया है। विदित हो संताल परगना प्रमण्डल अन्तर्गत लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से झामुमों विधायक डा0 अनिल मुर्मू की पिछले दिनों हुई असामयिक मृत्यु के बाद रिक्त हुए सीट के लिये भाजपा ने बतौर उम्मीदवार जहाँ एक ओर हेमलाल मुर्मू को अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं दूसरी ओर एक समय अपनी मूल पार्टी से भटक चुके व हाल-फिलहाल में पुनः घर वापसी करने वाले साईमन मराण्डी को झामुमों ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इस तरह इस विधानसभा सीट के लिये भाजपा व झामुमों के बीच संघर्ष काफी रोचक दिखने वाला है। मैच का निर्णायक छक्का कौन मारता है व बाद में परिणाम किसके पक्ष में जाता है यह तो समय के गर्भ में छिपा है,  बहरहाल इस विधानसभा सीट के लिये 09 अप्रैल 2017 को होने वाले मतदान पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित सूबे की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के लिये जहाँ एक ओर लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र पूर्ण प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर पिछले 40 वर्षों से संताल परगना में आदिवासियों के हक-हकुक की आवाज बुलंद करने वाले दिशोम गुरु शिबू सोरेन की पार्टी झामुमों सहित इस चुनाव में बतौर सहयोगी काॅग्रेस व राजद के लिये इस सीट पर वर्चस्व  बनाए रखना सामुहिक पार्टी के नेताओं के लिये जीने-मरने का विषय बन चुका है। यह दिगर बात है कि 13 अप्रैल को ही  यह तय हो पाएगा कि वास्तव में इस सीट का सेहरा किसके गले बंधेगा। किसकी झोली में यहाँ के मतदाता डालेगें अपना बहुमूल्य मत। दोनों पार्टियों की ओर से अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत का ढ़िढोरा अभी से ही पीटा जा रहा है। मालूम हो लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रखण्ड लिट्टीपाड़ा, अमरापाड़ा, हिरणपुर व गोपीकान्दर आते हैं। विभिन्न श्रोतों से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1, 88, 156 है। हिरणपुर प्रखण्ड में मतदाताओं की कुल संख्या जहाँ एक ओर 55,026 है वहीं लिट्टीपाड़ा में 66, 867, अमरापाड़ा में 39, 621 व गोपीकान्दर प्रखण्ड में मतदाताओं की कुल संख्या 26, 642 है। आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के मतदाता इस विधानसभा क्षेत्र में जीत-हार का ट्रम्प कार्ड के रुप में प्रयोग होने वाले हैं। संताल परगना प्रमण्डल के एक मात्र सीट लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिये होने वाले चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित उनके मंत्रीमंडल के कई अन्य सहयोगियों ने पिछले कई दिनों से अपना डेरा डाल रखा है। झामुमों ने भी अपने वरिष्ठ नेताओं यथा शिबू सोरेन, हेमन्त सोरेन, प्रो0 स्टीफन मराण्डी, नलिन सोरेन, चंपई सोरेन, सांसद विजय हांसदा व अन्य को चुनावी मैदान में उतार रखा है। इधर काॅग्रेस व राजद के आला नेताओं ने भी झामुमों की मदद के लिये कमर कस लिया है। इस विधानसभा सीट के लिये झामुमों ने जहाँ एक ओर एसपीटी एक्ट की धारा 13 (क) में संशोधन सहित स्थानीय नीति को अपना चुनावी एजेंटा बनाकर लोगों को भाजपा से दूर रखने का मन बना रखा है वहीं दूसरी ओर संताल परगना के सर्वांगिण विकास का एजेण्डा लेकर भाजपा चुनावी समर में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। एक-दूसरे की विरोधी पार्टियाँ अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त दिखलाई पड़ रही है। ढाई वर्षों के कार्यकाल में झारखण्ड की वर्तमान सरकार द्वारा जल, जंगल, जमीन व आदिवासी-मूलवासी को विकास से दूर रखने के झामुमों के आरोप का असर क्या होता है यह देखने वाली बात होगी। जहाँ तक भाजपा की बात है तो इस पार्टी के नेताओं द्वारा झामुमों के जंगल राज व पिछले 40 वर्षों से संताल परगना की भोली-भाली आदिवासी जनता को गुमराह कर अभी तक सेंकी जाने वाली राजनीति रोटी से आम मतदाताओं को रुबरु कराने का प्रयास किया जा रहा है। जमीनी  हकीकत यह है कि दोनों ही पार्टियों से इस क्षेत्र के मतदाता खासे परिचित हैं। 


वे वैसी ही पार्टी को अपना बहुमूल्य मत देना चाहेगें जो आने वाले 5 वर्षों तक क्षेत्र की जनता को अपने वायदे से लाभान्वित करेगें। 06 अप्रैल 2017 को पीएम नरेन्द्र मोदी के साहेबगंज आगमन व इस दौरान विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन सहित भाषण से लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मिजाज क्या बनेगा यह भी देखने वाली बात होगी। विदित हो लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड में कुल 17 पंचायतें हैं-सुरजबेड़ा, करमाटांड़, कुंजबना, सोनाधनी, बड़ा घाघरी, लिट्टीपाड़ा, जामजोड़ी, बड़ा सरसा, बिचामहल, गोरडिहा, जबरदाहा, कमलघाटी, तालझारी, नावाडीह, बांडू, फूलपहाड़ी व तालपहाड़ी। इसी प्रकार हिरणपुर प्रखण्ड में 14 पंचायत हैं। बरमसिया, बड़तल्ला, मंझलाडीह, घाघरजानी, तोड़ाई, बाबूपुर, मोहनपुर, डांगापाड़ा, बगशिशा, केन्दुआ, धोवाडागा, सुन्दरपुर, हाथकाठी व मुर्गाडांगा। गोपीकान्दर में कुल 7 पंचायत हैं-ओड़मों, कुश्चिरा, मुसना, गोपीकान्दर, टांयजोर, सुरजूडीह व खरौनी बाजार। गोपीकान्दर में बूथों की संख्या 41 है। पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमों प्रत्याशी डा0 अनिल मुर्मू ने तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी साइमन मराण्डी को एक बडे अंतर से मात दी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रह चुके साईमन मराण्डी इस उप चुनाव में झामुमों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ़देखना यह है कि उँट किस करवट बैठता है।

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