नयी दिल्ली 09 अप्रैल, बंगलादेश के साथ तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सकारात्मक बयान के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने रूख पर कायम हैं और उनका कहना है कि इस संधि से उनके राज्य के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। सुश्री बनर्जी कल रात यहां बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ रात्रि भोज में शरीक हुई । सूत्रों के अनुसार उन्होंने बंगलादेशी प्रधानमंत्री को तीस्ता समझौते को मौजूदा स्वरूप में स्वीकार करने में अपनी ,“ सीमाओं और दिक्कतों ” से अवगत कराया। सुश्री बनर्जी ने कहा ,“ मेरा मानना है कि राज्य के हितों की रक्षा होनी चाहिए। ” बंगलादेश में अगले वर्ष आम चुनाव हैं जिनमें तीस्ता समझौता एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा। बंगलादेश के रंगपुर , निलफामरी, गैबंध, कुरिग्राम और लालमोनिहाट जैसे क्षेत्रों में किसान धान की फसल के लिए तीस्ता के पानी पर ही निर्भर हैं जबकि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी, दक्षिणी दिनाजपुर और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों में भी किसान फसलों की सिंचाई के लिए तीस्ता के पानी पर ही आश्रित हैं। सूत्राें के अनुसार सुश्री बनर्जी ने बंगलादेशी प्रधानमंत्री से कहा है कि तीस्ता में पर्याप्त पानी नहीं है और ऐसे में एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए जिसके आधार पर अन्य नदियों का पानी बंगलादेश की ओर मोडा जाना चाहिए। उधर श्री मोदी ने कल सुश्री हसीना की मौजूदगी में कहा , “ मेरा दृढता पूर्वक मानना है कि केवल मेरी सरकार और सुश्री हसीना की सरकार तीस्ता जल बंटवारे का शीघ्र समाधान कर सकती है। ” ऐसा माना जाता है कि इस बयान से बंगलादेश की मुख्यमंत्री पर दबाव बनेगा। श्री मोदी के इस बयान के बाद बंगलादेश की इस मुद्दे के समाधान की उम्मीद बढी है और वह इस बयान को भारत की ‘नयी नीति’ के रूप में देख रहा है। बंगलादेश के विदेश सचिव शैदुल हक ने कहा है ,“ दोनों नेताओं के संयुक्त वक्तव्य के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है। ”
रविवार, 9 अप्रैल 2017
तीस्ता मुद्दे पर ममता अपने रूख पर कायम
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