लखनऊ 14 अप्रैल, लोकसभा के पिछले और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुरी तरह शिकस्त खाने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने यू टर्न लेते हुए अब अपने चिर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ किसी भी दल से हाथ मिलाने को तैयार हो गयी हैं। बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती ने आज यहां डा0 भीम राव अम्बेडकर की 126वीं जयन्ती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र का जिन्दा रहना जरूरी है इसलिए ‘जहर’ को ‘जहर’ से मारने का काम करना होगा। भाजपा छोड़ बसपा किसी भी दल से हाथ मिला सकती है। सुश्री मायावती ने इस बयान को विपक्ष की एकता के प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि सुश्री मायावती ने बसपा के अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने की बात कही है। सन् 1993 को छोड़ बसपा ने चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में किसी दल से गठबंधन नहीं किया। 1993 में बसपा अध्यक्ष कांशीराम थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दलितों को हमेशा धोखा दिया है। उनके वोट हासिल करने के प्रयास किये हैं लेकिन इस वर्ग के लिए कोई काम नहीं किया है। उन्होंने भाजपा पर ईमानदार होने का नाटक करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिख, मुस्लिम, पारसी, बौद्ध, दलित और पिछड़ों के 90 फीसदी अधिकारों का अगड़े वर्ग के लोगों ने हनन किया। वे एकजुट हो ही रहे थे कि मनुवादियों ने उनमें फिर से मतभेद पैदा करने की कोशिश की। भाजपा ने मण्डल कमीशन का खुलकर विरोध किया था और इसीलिए उसकी सिफारिशों को लागू करने वाली वी पी सिंह सरकार को गिरा दिया गया था। भाजपा दलित विरोधी है।
शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017
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मायावती ने हार से ली सबक, कहा, भाजपा छोड़ किसी से भी मिला सकते हैं हाथ
मायावती ने हार से ली सबक, कहा, भाजपा छोड़ किसी से भी मिला सकते हैं हाथ
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