नयी दिल्ली 12 अप्रैल, राज्यसभा में आज सदस्यों ने संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा के यह कहने पर कि बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता के जन्म का प्रमाण नहीं होने संबंधी बयान का कड़ा विरोध किया और मंत्री से माफी मांगने की मांग की । डॉ शर्मा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सीता की जन्म स्थली आस्था का मामला है जो प्रत्यक्ष प्रमाण पर निर्भर नहीं करता है । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास सीतामढ़ी के पास सीता की जन्म स्थली होने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है । इसका कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कड़ा विरोध किया और मंत्री से माफी मांगने की मांग की । उन्होंने कहा कि माता सीता का स्वयंवर हुआ था, इसका भी कोई प्रमाण नहीं है । इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में आ गये । जनता दल (यू) के अनिल कुमार साहनी ने भी कहा कि मंत्री सीता माता का अपमान कर रहे हैं । उन्होंने सीता जन्म स्थली का विकास करने की मांग की । डॉ शर्मा ने कहा कि रामायण परिपथ योजना के तहत सीतामढ़ी को शामिल किया गया है और वहां के मंदिर का विकास किया जायेगा ।
गुरुवार, 13 अप्रैल 2017
सीता की जन्मस्थली का प्रमाण नहीं होने संबंधी बयान पर मंत्री की खिंचाई
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