नयी दिल्ली 19 अप्रैल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाये जाने के बाद चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने आयोग में आम आदमी पार्टी से जुड़े किसी भी मामले पर कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। आयोग के सूत्रों ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि एक अंग्रेज़ी अखबार को दिये साक्षात्कार में श्री केजरीवाल ने चुनाव आयुक्त ए. के. जोती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्री रावत को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी बताये जाने और आम आदमी पार्टी के प्रति उनकी निष्पक्षता पर सवाल लगाये जाने से आयोग की प्रतिष्ठा को आघात लगा है। सूत्रों ने बताया कि श्री रावत ने इस संबंध में तुरंत कदम उठाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिख कर स्वयं को आम आदमी पार्टी से जुड़े मामलों पर कार्यवाही से अलग करने की बात कही है। श्री रावत मध्यप्रदेश कैडर के 1977 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं और 31 दिसंबर 2013 को केन्द्रीय लाेक उपक्रम सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह उससे पहले मध्य प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव रह चुके हैं। वह कम से कम दो मौकों पर मुख्य सचिव बनाये जाने से वंचित रहे। उनके कनिष्ठ अधिकारियों को ये मौके मिले। उन्हें अगस्त 2014 में चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था।
बुधवार, 19 अप्रैल 2017

ओ पी रावत ने चुनाव आयोग में आम आदमी पार्टी के मामलों से खुद को अलग किया
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