ग्राम स्तर पर महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन आज सेकलेक्टर डाॅ.खाडे द्वारा़ शिविरों का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के निर्देश
जिले के समस्त ग्राम एवं शहरी मलिन बस्तियों में 11 अप्रेैल से 20 मई तक कुल 35 कार्य दिवसों में महिला स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों की शत प्रतिशत सफलता हेतु कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे़ की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सूक्ष्म कार्ययोजना पर समीक्षा बैठक गत दिवस संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे़ ने शिविरों की सफलता एवं ग्राम स्तरीय तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी जरूरी दिशा निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता,जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजीव सिंह,महिला एवं बाल विकास विभागजिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.डीआर अहिरवार एवं प्रभारी अधिकारी महिला स्वास्थ्य शिविर, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.एम.के.चंदेल, सिविल सर्जन डाॅ.आनंद शर्मा, जिला टीबी नियंत्रण अधिकारी एवं आरबीएसके नोडल अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री धीरेन्द्र आर्य, जिला मूल्यांकन अधिकारी श्री निलेश गर्ग, जिला लेखा प्रबंधक श्री रमाकंात द्विवेदी, उप जिला मीडिया अधिकारी सुश्री उषा अवस्थी, जिला मीडिया सलाहकार श्री शैलेश कुमार एवं समस्त बीएमओ तथा चिकित्सा अधिकारियों को दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने जानकारी दी कि 11 अप्रेल से ग्राम स्तर पर आयोजित होने वाले महिला स्वास्थ्य शिविरों में 13 वर्ष से 19 वर्ष तक कि किशोरी बालिकाओं में रक्त अल्पता की पहचान,माहवारी से संबंधित समस्या की पहचान एवं उपचार तथा गर्भवती महिलाओं में रक्त अल्पता,अन्य हाईरिस्क की पहचान एवं उपचार तथा इलेक्टीव सीजर हेतु चिन्हांकन तथा अन्य आयु वर्ग की महिलाओं मंे उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, स्तन कैंसर, सरवाईकल कैंसर, ओरल कैंसर, बांझपन, स्त्रीरोग संबंधी अन्य समस्याओं की पहचान तथा उपचार एवं एनीमिया से बचाव हेतु आयरन की गोली एवं कृमिनाशक गोली का वितरण किया जाना प्रमुख है। बैठक में कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया कि आयोाजित शिविरांे में समस्त आयु वर्ग की महिलाओं की हिमोग्लाबिन जांच कर उनकी सूची बनाई जाएं तथा सूची आंगनबाडी केन्द्रों तथा महिला एवं बाल विकास विभाग को भी उपलब्घ कराई जाएं जिससे रक्तअल्पता की पहचान एवं उपचार को सुनिश्चित किया जा सकें। कलेक्टर ने महिला स्वास्थ्य शिविरों से संबंधित ए.एन.एम.आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी की सभी प्रकार का प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण प्रशिक्षण10 अप्रेल तक अनिवार्य रूप से किए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि महिला स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से एक अनिवार्य डाटा विभाग को प्राप्त होगा जिससे मातृ मृत्यु दर को कम कर सूचकांक के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंनेे कहा कि एनीमिक महिला स्वयं को बीमार नहीं मानती है और वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाने वाली सामान्य जांचों का हिस्सा नहीं बन पाती है इसलिए महिला स्वास्थ्य शिविरों में एनीमिया की जांच को प्रमुखता से लिया जाएं इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश समस्त बीएमओ तथा आरबीएसके चिकित्सकों को दिए गए। बैठक में सीएमएचओ डाॅ.गुप्ता ने बताया कि 22 मई से 31 मई तक कुल 09 कार्य दिवसों में विकासखंड स्तरीय शिविरों का आयोजन किया जाएगा। विकासखंड स्तरीय शिविरों का आयेाजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया जाएगा। ग्राम तथा विकासखण्ड स्तर से रेफर महिलाओं को उपचार के लिए जिला स्तर पर जिला अस्पताल की रोशनी क्लीनिक के लिए रेफर किया जाएगा। 12 अप्रेल से जिला स्तरीय रौशनी क्लीनिक में ग्राम एवं ब्लाॅक स्तर से रेफर महिलाओं को सेवाएं दी जाएगी। डाॅ.गुप्ता ने बताया कि जिला स्तर आयोजित महिला स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञों महिला चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क एवं अनिवार्य सेवाएं प्रदान की जाएगी। इस सिलसिले में कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि ब्लड बैंक/ब्लड स्टोरेज यूनिट क्रियाशील होने पर प्रत्येक ब्लड ग्रुप की उपलब्धता नाम्र्स के अनुसार सुनिश्चित करें। साथ ही संस्था स्तर से रेफर एवं स्थानीय अनुमानित महिलाओं की संख्या के आधार पर ई-औषधी के आंकलन के उपरांत दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएं। बैठक में सूक्ष्म कार्ययोजना का विस्तार से प्रस्तुतीकरण जिला मूल्यांकन अधिकारी श्री निलेश गर्ग द्वारा किया गया।

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