14 अप्रैल से 31 मई 2017 तक4 चरणो मे आयोजित होगा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
- अंत्योदय और ग्राम सशक्तिकरण हेतु आयोजित होगी ग्राम संसद
जिले में डाॅ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जंयती 14 अप्रैल 2017 से प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रथम चरण की पहली ग्राम सभा के आयोजन के साथ ही ग्राम उदय से भारत उदय अभियान का शुभारंभ होगा। जिला स्तर एवं प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 14 अप्रैल को सामाजिक सौहार्द एवं समरसता समारोह का आयोजन किया जावेगा।
द्वितीय चरण मे आयोजित होगे ग्राम संसद
द्वितीय चरण जो कि 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा जिसमे ग्रामीणो की अधिकाधिक भागीदारी मे ग्राम पंचायत मुख्यालय पर तीन दिसवसीय ग्राम सभाओ का आयोजन होगा। प्रथम दिवस मे गतवर्ष तैयार जीपीडीपी मे से कराये गये कार्यो पर चर्चा, इस वर्ष की कार्ययोजना पर चर्चा एवं महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत संचालित उपयोजनाओ से हितग्राही मूलक योजनाओ पर चर्चा तथा पात्र एवं आपात्र हितग्राहियो की सूची का वाचन किया जावेगा। द्वितीय दिवस ग्राम सभा मे महिलाओ की भागीदारी के साथ महिला संसद, महिला स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित शिविरो एवं कार्यक्रमो का आयोजन किया जावेगा। तृतीय दिवस ग्राम सभा मे कृषि योजना के तहत कृषि कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओ एवं कार्यक्रमो के तहत ग्राम पंचायतवार आयोजन किया जावेगा। तृतीय चरण जो कि 1 मई से 21 मई 2017 की अवधि मे होगा संचालित - प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय दिवस की ग्राम संसदो मे अद्योसंरचनाओ के निर्माण से संबंधित तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के साथ ही हितग्राही मूलक तथा विकास व कल्याणकारी योजना मे हितग्राहियो के आवेदनो का परीक्षण कर पात्र हितग्राहियो को स्वीकृति जारी की जावेगी। कलेक्टर डा. सुदाम खाडे ने निर्देशित किया है कि ग्राम संसदो का आयोजन पंचायत भवनों मे ही किया जावे साथ ही ग्राम पंचायत मे टेलीविजन से दूरदर्शन चैनल का प्रसारण सुचारू रखते हुये ग्रामीणो को दिखाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। समस्त विभाग प्रमुखो, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं सीईओ जनपद पंचायत को निर्देशित किया है कि शासन के निर्देशानुसार अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु निर्धारित कैलेण्डर के तहत कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
नरवाई जलाने से नष्ट होती है मिट्टी की उर्वरता
नरवाई में आग लगाने से जहां एक ओर मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है, वहीं इसके कई गंभीर परिणाम भी सामने आते हैं। खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन, संपत्ति व प्राकृतिक वनस्पति, जीव जन्तु आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यापक नुकसान होता है। खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु इससे नष्ट होते हैं परिणाम स्वरूप खेत की उर्वरता खत्म होती है। इससे उत्पादन भी कम होता है। आग लगने से हानि कारक गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। खेत में पडा कचरा, भूसा, डंठल सडने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते है। नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल के निर्णयानुसार 14 अप्रैल,2017 को होने वाली विशेष ग्राम सभाओं में एक अभियान के तहत किसानों को नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाएगा।

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