नई दिल्ली। पिछले तीन सालों में मोदी सरकार की पूरी कोशिश रही है कि देश के सभी वर्गों के लोगों का सामान रूप से विकास हो। इसी के तहत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग लागू किया तो वहीं प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के हित में भी कई अहम फैसले लिए। लेकिन कुछ निजी कंपनियां कर्मचारियों के हितों से लगातार खिलवाड़ कर रही हैं। ताजा मामला हरियाणा की कंपनी सनबीम इंटरप्राइजेज का है। दरअसल, कंपनी के सिस्टर कंसल्ट एआर प्लास्टिक के मानेसर स्थित मोल्डिंग डिविजन में बतौर प्रोडक्शन मैनेजर काम कर चुके हेमंत तिवारी ने आरोप लगाया है कि कंपनी उनके त्यागपत्र को नहीं स्वीकार कर रही है और उनकी सैलरी भी रोक रखी है।
नियुक्ति पत्र भी नहीं देती कंपनी
हेमंत तिवारी का आरोप है कि कंपनी न तो अपने कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देती है और न ही उनके त्यागपत्र को स्वीकार करती है। हेमंत ने बताया कि उन्होंने करीब 2 सालों तक बतौर प्रोडक्शन मैनेजर काम करने के बाद पिछले साल दिसंबर में त्याग पत्र दिया लेकिन कंपनी ने अब तक स्वीकार नहीं किया है। इसके साथ ही कंपनी ने दिसंबर की सैलरी भी नहीं दी है।
फिर से ज्वाइन करने की सलाह
हेमंत के मुताबिक उन्होंने जब इस बाबत कंपनी के एचआर समेत अन्य सीनियर अधिकारियों से मेल और अन्य तरीकों से बात की तो उन्हें फिर से ज्वाइन करने की सलाह दी गई। अधिकारियों ने इशारों में यह भी बताया कि मेरी सैलरी समेत सारे हिसाब कंपनी के अकाउंट डिपार्टमेंट के पास है लेकिन वो ज्वाइन करने की स्थिति में ही मिलेगा।
कोर्ट तक ले जाएंगे मामला
हेमंत का कहना है कि वो जल्दी हार नहीं मानने वाले हैं और इस मामले को लेबर कोर्ट तक ले जाएंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को जोरों –शोर से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ मुझसे जुड़ा नहीं है बल्कि वहां काम कर रहे कर्मचारियों के साथ भी यही हो रहा है। हेमंत ने कहा कि किसी कंपनी को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना नियुक्ति पत्र के कर्मचारियों से काम कराए और त्यागपत्र को स्वीकार भी न करे। स्पष्ट कर दें कि इस बाबत हमने कंपनी की प्रतिक्रिया नहीं ली है।
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