बिहार : भाकपा का राज्यव्यापी आन्दोलन चलाने का निर्णय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 मई 2017

बिहार : भाकपा का राज्यव्यापी आन्दोलन चलाने का निर्णय

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पटना, 02 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार में दो बड़े राज्यव्यापी आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया है। पहला आंदोलन जुलाई में बेरोजगारी की समस्या को लेकर होगा और दूसरा आंदोलन समाज के विभिन्न हिस्सों की आम समस्याओं को लेकर राज्य भर में सभी समाहरणालयों के सामने दो दिनों का अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में जनसत्याग्रह के माध्यम से होगा। इसके साथ ही रूस की अक्टूबर समाजवादी क्रांति की शताब्दी का राज्यस्तरीय समापन समारोह पटना में 07 नवम्बर को आयोजित किया जायेगा। यह निर्णय पार्टी की राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक में, जो 29 और 30 अप्रैल को यहां सम्पन्न हुई, लिया गया। बैठक में आन्दोलन से संबंधित एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक के बाद आज पार्टी के राज्य कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नवउदारवादी आर्थिक नीतियों की वजह से आम जनता की आर्थिक परेषानियाँ बढ़ती जा रही है। आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक एवं राजनीतिक-वैचारिक समस्याओं का सामना भी समाज के विभिन्न तबकों को करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज के भिन्न-भिन्न तबके अलग-अलग तरीके से अपना-अपना असंतोष और आक्रोष जाहिर कर रहे हैं। आन्दोलित लोगों की भावनाओं को बेजा फायदा उठाकर जातिवादी एवं साम्प्रदायिक शक्तियाँ जनाक्रोष को गलत दिषा की ओर  मोड़ देती है और जनता की समस्याएं अनसुलझी रह जाती है। 


ऐसी हालत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जनता की फौरी समस्याओं को लेकर व्यापक जनआन्दोलन का निर्णय लेती है ताकि इन समस्याओं का निदान हो सके। इसी सोच के तहत पार्टी ने फिलहाल दो राज्यव्यापी आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया है।  बेरोजगारी की समस्या संपूर्ण देष में, खासकर बिहार में काफी गंभीर बनी हुई है और दिनोदिन और ज्यादा गंभीर होती जा रही है। बिहार में ग्राणीण बेरोजगारी की समस्या तो और ज्यादा गंभीर है। लाखों ग्रामीण मजदूर हर साल बिहार से बाहर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने ‘‘रोजगार दो या बेराजगारी भत्ता दो’’ के नारे के साथ राज्यव्यापी आन्दोलन करेगी। पार्टी की मांग है कि उन सभी काम चाहने वाले व्यक्तियों, कुषल हो या अकुषल, षिक्षित हो या अषिक्षित, शहरी हो या देहाती, को काम मिले। अगर काम नहीं दिया जाता तो उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाय। यह आन्दोलन जुलाई माह में होगा। जून महीना में आन्दोलन का प्रचार-प्रसार होगा। आम जनता से आंदोलन में शामिल होने की अपील की जायेगी। आन्दोलन की रूप-रेखा तैयार करने के लिए सात सदस्यीय एक कमिटी बनायी गई है। जिसके संयोजक अखिलेष कुमार है। अक्टूबर महीना के प्रथम सप्ताह में सभी समाहरणालयों के सामने दो दिनों का जनसत्याग्रह आयोजित किया जायेगा। यह जनसत्याग्रह समाज के विभिन्न हिस्से की समस्याओं जैसे भूमिहीन बेघरों को आवसभूमि और मकान, महंगाई, बेरोजगारी, कृषि उपज का लाभकारी दाम, समान षिक्षा, समान काम केलिए समान वेतन, दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा, आंगनबाड़ी एवं आषाकर्मी महिलाओं के सरकारी कर्मचारी का दर्जा, खाद्य सुरक्षा आदि को लेकर होगा। इसकी तैयारी अगस्त-सितम्बर में पूरी की जायेगी। पन्द्रह दिनों तक सितम्बर में पार्टी की सभी शाखाएं गांवों में पदयात्रा करेगी। इसके अतिरिक्त राज्यकेन्द्र से राज्य के भिन्न-भिन्न हिस्से के लिए सात जीप जत्थे निकलेंगे। इन जत्थों में राज्यस्तरीय नेता रहेंगे। ये जीप जत्थे राज्य के सभी जिलों में अलग-अलग जायेंगे। जत्थे में शामिल नेता राज्य भर में लगभग पाँच सौ छोटी-बड़ी सभाओं को संबोधित करेंगे। जनसत्याग्रह में कम से कम एक लाख लोगों को शामिल करने का लक्ष्य हैं। जनसत्याग्रह आन्दोलन की पूरी रूप-रेखा तैयार करने लिए अलग-अलग दो कमिटियां बनायी गई। एक के संयोजक सत्य नारायण सिंह और दूसरी के रामबाबू कुमार बनाये गये।  
राज्य परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि रूसी समाजवादी क्रांति की शताब्दी समारोहपूर्वक सभी जिलों में मनायी जाय। इसका समापन समारोह पटना में 07 नवम्बर को होगा। राज्य परिषद ने पार्टी संगठन को चुस्त-दुरूस्त करने, सक्रिय करने और उसका विस्तार करने के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लिये। राज्य के पूर्णियां प्रमंडल, मगध प्रमंडल और पटना प्रमंडल के पुराना शहाबाद के जिलों में पार्टी का विस्तार, करने, मजबूत करने, सक्रिय करने आदि कार्यों की देख-भाल और विचार करने के लिए अलग-अलग तीन बैठकें करने का निर्णय हुआ इन तीनों क्षेत्र के लिए राज्य नेतृत्व की तीन अलग-अलग कमिटियाँ बनायी गई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े किसान सभा एवं खेत मजदूर युनियन 10 मई, 2017 को अभियंता भवन, अदालतगंज, पटना भूमि सुधार कन्वेंषन का आयोजन किया है। 05 से 10 जून तक राज्य के सभी प्रखंड कार्यालयों के सामने भूमि सुधार सहित खाद्य सुरक्षा, दलित उत्पीड़न, जातिय भेदवभाव आदि सवालों को लेकर खेत मजदूर यूनियन प्रदर्षन करेगा।

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