नयी दिल्ली 02 मई, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा और इससे जुड़ी आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का जिक्र करते हुए आज नौसैन्य कमांडरों से हमेशा चौकस रहने को कहा। श्री जेटली ने यहां शुरू हुए नौसैन्य कमांडरों के चार दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कमांडरों से हर समय पूरी तरह तैयार रहने को कहा है क्योंकि तैयारी ही सबसे सर्वोत्तम प्रतिरक्षा है। रक्षा मंत्री ने भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूदा एवं उभरती सुरक्षा स्थिति तथा हिंदमहासागर क्षेत्र में अतिरिक्त क्षेत्रीय शक्तियों के विस्तार का भी जिक्र किया। भारतीय नौसेना की अहम जरूरतों को स्वीकार करते हुए उन्होंने कमांडरों को जल्द ही संसाधन बढ़ाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में सकारात्मक तरीके से काम कर रही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि उचित रक्षा खरीद नीतियों का पालन करते हुए बहुउद्देश्यीय हेलीकाप्टर ,पारंपरिक पनडुब्बी और माइन काउंटर मेजर पोत जैसी रक्षा सामग्री की खरीद की जाएगी। उन्होंने स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की प्रशंसा की और उनसे घरेलू विशेषज्ञता को और प्रोत्साहन देने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। श्री जेटली ने देश की रक्षा कूटनीति के अनुरूप विशाल समुद्री सीमा की रक्षा समेत नौवहन हितों की रक्षा करने तथा कई अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करके कुशल पेशेवराना रवैय्या दिखाने के लिए नौसैनिकों को शाबाशी भी दी। इस मौके पर रक्षा मंत्री,रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे और रक्षा सचिव तथा मंत्रालय के वरिष्ठ नौसैन्य कमांडरों के साथ संवाद भी हुआ।
मंगलवार, 2 मई 2017
रक्षा मंत्री ने नौसैन्य कमांडरों से हर समय तैयार रहने को कहा
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