समर्पण व सेवा भावना को दंे महत्व : शिबू सोरेन
झामुमों सुप्रिमों व दुमका के सांसद शिबू सोरेन की अध्यक्षता में दिन मंगलवार को समाहरणालय सभागार में जिला विकास समन्वय एवं पर्यवेक्षण समिति (दिशा) की एक बैठक आहुत की गई। इस अवसर पर अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को संबोधित अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सांसद शिबूू सोरेन ने कहा कि समर्पण व सेवा भावना को अपने जीवन में विशेष महत्व दें। कोई भी कार्य तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब उसमें समर्पण व सेवा की भावना मौजूद रहती है। प्रत्येक कार्य करने से पहले सबसे गरीब और देश के सर्वोच्च मान का ध्यान रखें। इस अवसर पर डीसी दुमका राहुल कुमार सिन्हा ने सदस्यों को बताया कि विकास कार्य में लगी कार्यपालिका, सांसद, विधायक व स्थानीय निकायों-जिला परिषद व नगर पर्षद के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के उद्देश्य से जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति का नाम बदल कर जिला विकास समन्वय एवं पर्यवेक्षण समिति ’’दिशा’’, रखा गया है। ‘‘दिशा’’ की पहली बैठक 30 अगस्त 2016 को संपन्न हुई थी जबकि दूसरी बैठक 2 मई 2017 को संपन्न हुईं डीसी ने कहा कि विकास वह जो खुशहाली लाये। इस दृष्टि से विकास कार्यों में समन्वय एवं पर्यवेक्षण का विशेष महत्व है। उप विकास आयुक्त शशि रंजन ने विभिन्न विन्दुओं को सबके सामने रखा। जन प्रतिनिधियों द्वारा पेयजल के लिए चापानलों की मरम्मति के लिए प्रत्येक प्रखंड में कार्य कर रहे गैंग की संख्या बढ़ाने का अनुरोध जामा, जरमुंडी व गोपीकान्दर के लिए किया गया। डीसी ने 15 मई तक खराब चापानलांे की मरम्मति का आदेश इस अवसर पर संबंधित विभाग को दिया। नगर पर्षद अध्यक्षा के सुझाव पर शहरी जलापूर्ति एवं ग्रामीण जलापूर्ति के लिए पाईप लाईन बिछाने के मसले पर एक अलग से बैठक होगी जिसमें नगर पर्षद की अध्यक्षा भी भाग लेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण पर चर्चा करते हुए डीसी ने जन प्रतिनिधियों के सुझावों के अनुरूप कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग को निदेर्शित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण से वंचित रह लोगों की समेकित सूची विभाग को भेजें। डीसी ने कहा कि पोल लगाने के नाम पर पैसा वसूलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। शिकायतों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की बात भी डीसी ने कही। मयूराक्षी दायां नहर की लम्बे समय से चली आ रही मांग के मुतल्लिक डीसी श्री सिन्हा ने झारखंड व बंगाल के बीच हुये राज्यस्तरीय समझौते में सशोधन के लिए पहल करने हेतु प्रस्ताव भेजने का निदेश सिंचाई विभाग को दिया।
एक संगठन के तहत तसर उत्पादकों को काम करने की जरुरत : सुधीर सिंह
श्रमिक दिवस के अवसर पर सीएसबी के सौजन्य से टीएसपी योजनान्तर्गत तसर उत्पादकों के संगठनात्मक कार्यक्रम के तहत शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के लगभग 400 तसर उत्पादकों ने भाग लिया। तसर उत्पादकों को सम्बोधित करते हुए, सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) संथाल परगना दुमका सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि तसर उत्पादकों को संगठित करके एक संगठन बनाने की जरुतर है। संगठन के माध्यम से तसर क्षेत्र में उन्नती व संगठन के माध्यम से बाजार की खोज व व्यापार करने के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम को डाॅ0 सानता गिरी सीएसबी ने संगठित होकर तसर खाद्य पौधों के जंगल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संगठित होकर सामूहिक प्रयास से अड्डा बाड़ी को निसंक्रमित करने से लाभ होगा। नगीना आर टी आर एस दुमका ने कीटपालन के बारे में जानकारी लोगों को दिया। इस कार्यक्रम को मो0 खादिम अतिक, अग्र परियोजना पदाधिकारी, श्रुति साक्षी व सलाहकारों ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर सुनील कुमार चैबे, अमित टुडू, अम्बिका पासवान, षिवधन हेम्ब्रम, धनीराम बास्की आदि मौजूद थे।
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