नयी दिल्ली, 28 मई, कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: व्यवस्था से बाहर रखे जाने का पेट्रोलियम कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। तेल कंपनियों का मानना है कि जीएसटी एक श्रंखलाबद्ध कर प्रणाली है, ऐसे में कुछ उत्पादों को इसके दायरे से बाहर रखे जाने से कर प्रणाली की कड़ी टूट जायेगी और इसका लाभ उन कंपनियों को नहीं मिल पायेगा जिनके उत्पाद इसके दायरे से बाहर होंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम :ओएनजीसी: के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश के. सर्राफ ने इस संबंध में पूछे गये सवाल पर यहां कहा, ‘‘जीएसटी व्यवस्था एक श्रंखलाबद्ध कर प्रणाली है, पेट्रोलियम क्षेत्र में बहुत सारे उत्पाद है, इनमें कुछ उत्पादों पर जीएसटी नहीं लगने से इनकी कर की श्रृंखला टूट जायेगी। कंपनियों को ऐसे उत्पादों में विभिन्न इनपुट पर तो कर देना पड़ेगा लेकिन उन्हें आगे इसका क्रेडिट नहीं मिल पायेगा जिससे उन्हें नुकसान होगा।’’ कंपनी के वाषिर्क परिणाम इसी सप्ताह घोषित किए गए। सर्राफ ने कहा कि इस व्यवस्था से पेट्रोलियम पदाथोर्ं की बिक्री करने वाले और उनका उत्पादन अथवा खोज करने वाली दोनों तरह की कंपनियों को नुकसान होगा।
सोमवार, 29 मई 2017
पेट्रोलियम को जीएसटी से बाहर रखे जाने से तेल कंपनियों को होगा नुकसान : ओएनजीसी
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