प्रणब ने बद्रीनाथ में की पूजा-अर्चना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 6 मई 2017

प्रणब ने बद्रीनाथ में की पूजा-अर्चना

pranab-mukherjee-worships-at-badrinath-temple
बद्रीनाथ 6 मई, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर के कपाट पुन: खुलने पर आज सवेरे यहां पूजा की। सर्दियों में मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नम्बूरी ने वैदिक मंत्रोच्चारण और शंखनाद के बीच तड़के सवा चार बजे मंदिर के कपाट खोले। राष्ट्रपति मुखर्जी समुद्र तट से 10,170 फुट की उंचाई पर स्थित सातवीं सदी के इस तीर्थस्थल पर पूजा करने के लिए सुबह आठ बजकर 25 मिनट पर यहां पहुंचे। मुखर्जी ने उत्तराखंड के राज्यपाल कृष्ण कांत पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के साथ मंदिर में दो घंटे बिताए। इसके बाद वह वहां से पूर्वाह्न 10 बजकर 25 मिनट पर जॉलीग्रांट हवाईअड्डे के लिए रवाना हुए जहां से उन्हें दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट पुन: खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की पूरी तरह से शुरूआत हो जाती है क्योंकि तीर्थयात्रा के अन्य तीन धाम पहले की खुल जाते हैं। चारधाम यात्रा के एक अन्य बड़े मंदिर केदारनाथ के कपाट तीन मई को फिर से खुले थे और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा की थी। राष्ट्रपति ने उत्तराखंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा कल देहरादून से आरंभ की थी जहां उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। रात में राज्य की राजधानी स्थित राज भवन में ठहरने के बाद मुखर्जी पूजा के लिए यात्रा कार्यक्रम के तहत आज बद्रीनाथ के लिए रवाना हुए थे।

कोई टिप्पणी नहीं: