अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए सुशील जपते हैं लालू नाम की माला : तेजस्वी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 24 मई 2017

अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए सुशील जपते हैं लालू नाम की माला : तेजस्वी

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पटना 23 मई, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी की जनता पर पकड़ पूरी तरह खत्‍म हो चुकी है और उन्हें डर है कि इस बार उनकी पार्टी भी उन्हें विधान परिषद का उम्मीदवार नहीं बनायेगी इसलिए वह अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए “लालू नाम” की माला जप रहे हैं। श्री यादव ने यहां कहा कि श्री मोदी को पता है कि वह अब लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं जीत सकते हैं और उन्हें यह भी डर सता रहा है कि पार्टी अगले साल उन्हें विधान परिषद में भेजेगी या नहीं। ऐसी स्थिति में श्री मोदी लालू नाम की माला जपकर भाजपा आलाकमान की नजरों में अपनी प्रासंगिकता बनाये रखना चाहते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के सांसद भोला सिंह, कीर्ति आज़ाद और शत्रुघ्न सिन्हा ने श्री मोदी को अहंकारी और नकारात्मक बताकर उन्हें नेगेटिव पॉलिटिक्स का जनक बताया है। उन्होंने कहा कि वह तो शुरू से ही कहते रहे हैं कि श्री मोदी बिहार भाजपा में अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए नित-नई तिकड़मबाज़ी करते रहते हैं। उनसे बड़ा नकारात्मक नेता इस देश में नहीं है। 


श्री यादव ने इसी संदर्भ में ट्वीट कर कहा, “बिहार भाजपा के चुने हुए तीन सांसदों ने श्री मोदी को अहंकारी, नकारात्मक और नेगेटिव पॉलिटिक्स का जनक बताकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।” उन्होंने आगे लिखा, “मीडिया में छपने और चेहरा चमकाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते है क्योंकि चुनावी राजनीति में तो सुशील मोदी चुनाव लड़कर जीत नहीं सकते।” उप मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “लालू जी बेरोज़गार सुशील मोदी के लिए हरपल वन्दनीय, पूजनीय, स्मरणीय और आराध्य हैं। वह लालू नाम का जाप करके जैसे-तैसे आलाकमान के नोटिस में आना चाहते हैं। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक श्री मोदी लालू जी का नाम जपते हैं, लालू जी के नाम की माला फेरते हैं ताकि भाजपा में उनका रत्तीभर कल्याण हो सके।” श्री यादव ने श्री मोदी को चुनौती देते हुए कहा, “अगर वे बड़े नेता हैं तो पहले अपनी पार्टी के तीन-तीन सांसदों के आरोपों का तो जवाब देकर दिखाएं। तीनों ने सुशील मोदी को पार्टी से बाहर करने की मांग की है।” 

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