बोल-चाल की सरल भाषा में जनता से संवाद करे सरकार : राजनाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 3 जून 2017

बोल-चाल की सरल भाषा में जनता से संवाद करे सरकार : राजनाथ

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नयी दिल्ली 02 जून, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कल्याणकारी योजनाओंं को जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार को उसके साथ बोल -चाल की सरल भाषा में संवाद करना चाहिए। श्री सिंह ने आज यहां गृह मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनता के बीच वही भाषा प्रभावी और लोकप्रिय हो सकती है जो आसानी से सभी को समझ आ जाए और जिसका प्रयोग स्‍वाभिमान से किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की कल्‍याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी मानी जाएंगी जब जनता और सरकार के बीच निरंतर संवाद, संपर्क और पारदर्शिता बनी रहे तथा सरकार की योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों को समान रूप से मिले। उन्होंने कहा ,“ लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है जब हम जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुचाएं। उन्‍होंने आम बोल-चाल के शब्‍दों और वाक्‍यों का अधिकाधिक प्रयोग करने पर बल दिया और कहा कि इससे हिंदी का चलन बढ़ेगा और अनुवाद पर निर्भरता कम होगी।” राजभाषा विभाग द्वारा किए जा रहे उल्‍लेखनीय कार्यों की प्रशंसा करते हुए श्री सिंह ने बताया कि संसदीय राजभाषा समिति के नौवें खंड की सिफारिशों के संबंध में राष्‍ट्रपति ने आदेश जारी कर दिये हैं। गृह मंत्री ने कहा कि संघ का राजकीय काम-काज हिंदी में करने के संवैधानिक दायित्‍वों की पूर्ति की दिशा में हिंदी सलाहकार समितियों की अहम भूमिका है। हिंदी भारतीय संस्‍कृति के मूल तत्‍वों की अभिव्‍यक्ति का सरलतम माध्‍यम होने के साथ-साथ भारत के संविधान में वर्णित भावात्‍मक एकता को सुदृढ़ करने का सशक्‍त जरिया है। किसी भी देश की मौलिक सोच और सृजनात्‍मक अभिव्‍यक्ति सही मायनों में सिर्फ अपनी भाषा में ही की जा सकती है। अपनी भाषा के प्रति लगाव एवं अनुराग हमारे राष्‍ट्र-प्रेम का ही एक रूप है। किसी भी देश की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्‍कृतिक प्रगति में उस देश की भाषा का अहम योगदान होता है। उन्‍होंने कहा कि हिंदी ने अपनी मौलिकता, सरलता एवं सुबोधता के बल पर ही भारतीय संस्‍कृति एवं साहित्‍य को जीवंत बनाए रखा है।

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