पटना 17 अगस्त, नेपाल के पर्वत श्रृंखलाओं पर हो रही व्यापक बारिश से बिहार में गंगा समेत सभी प्रमुख नदियों के बेकाबू होने से राज्य के 14 जिलों में आई बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुयी है और इसमें मरने वालों की संख्या बढकर 98 पर पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि बाढ़ के कारण पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधबुनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर और सारण जिलों के 110 प्रखंड में करीब 92 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। सेना के साथ ही राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार राहत कार्य में जुटे हुए है। सूत्रों ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) की टीम लगी हुई है। इन 14 जिलों में एनडीआरएफ की 27 टीम के 1110 जवान अपनी 114 नौकाओं और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) की 16 टीम के 446 जवान अपनी 92 नौकाओं तथा 630 जवान एवं 70 नौकाओं के साथ सेना की सात कंपनियां 24 घंटे राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता भी प्रभावित इलाकों में लगा हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि प्रभावित इलाकों से अब तक तीन लाख लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है । हालांकि कई प्रभावित जिलों में लोग अभी भी अपना घर छोड़कर आने को तैयार नहीं है। पीड़ितों की सहायता के लिये ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर 504 राहत शिविर चलाये जा रहे हैं। विभिन्न राहत कैम्पों में एक लाख 70 हजार लोग शरण लिये हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि राहत शिविरों में मुफ्त भोजन की व्यव्स्था की गयी है। कई प्रभावित इलाकों में समुदायिक रसोई घर भी बनाया गया है जहां लोगों को सुबह और शाम भोजन की व्यवस्था की गयी है। इसी तरह स्कूलों और कॉलेजों में भी अस्थायी कैम्प बनाया गया है जहां बड़ी संख्या में पीड़ित लोग शरण लिये हुए है । पशुओं के लिये अलग से कैम्प बनाया गया है जहां चारा की व्यवस्था की गयी है। सूत्रों ने बगताया कि बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिये संबंधित जिला प्रशासन की ओर से नियंत्रण कक्ष बनाया गया है । नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे अधिकारियों की तैनाती की गयी है । इसके साथ ही प्रभावित इलाको में चिकित्सकों के दल को भी लगाया गया है जहां सर्पदंश की दवा भी एहतियात के तौर पर रखी गयी है । चलंत एम्बुलेंस भी जगह-जगह तैनात किया गया है ।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा साहेबगंज में लाल निशान से 34, कमला बलान झंझारपुर में 87, अधवारा समूह कमतौल में 110, कोसी बलतारा में 225, बसुआ में 61 और कुरसेला में 03, गंडक डुमरियाघाट में 188, बागमती बेनीबाद में 92 और महानंदा ढ़ेंगरा घाट में 87 सेंटीमीटर ऊपर है। इसके अलावा गंडक, कोसी, कमला बलान, अधवारा समूह और महानंदा नदी के जलस्तर में कल तक कुछ स्थानों पर जहां कमी होने की संभावना है वहीं कुछ स्थानों पर इसमें वृद्धि होने का अनुमान है। केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि गंडक नदी में आये उफान के कारण कल गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखंड में बंघौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध के ऊपर पानी आ जाने से बांध क्षतिग्रस्त हो गया। क्षतिग्रस्त स्थल पर सिंचाई विभाग के अभियंता मरम्मति कार्य के बाद लगातार चौकसी बरत रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की से साधारण वर्षा होने की संभावना है ।
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