सृजन घोटाले में संलिप्त नीतीश मोदी इस्तीफा दें : राजद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा , झंडा ऊँचा रहे हमारा। देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं व बधाई। 'लाइव आर्यावर्त' परिवार आज़ादी के उन तमाम वीर शहीदों और सेनानियों को कृतज्ञता पूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन करता है। आइए , मिल कर एक समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। भारत माता की जय। जय हिन्द।

गुरुवार, 17 अगस्त 2017

सृजन घोटाले में संलिप्त नीतीश मोदी इस्तीफा दें : राजद

nitish-modi-should-resign-rjd
पटना 17 अगस्त, बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भागलपुर जिले में हुए बहुचर्चित सृजन घोटाले के लिये सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जिम्मेवार ठहराते हुए नैतिकता के आधार पर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की। राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचन्द्र पूर्वे, प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव की उपस्थिति में आयोजित संवाददता सम्मेलन में कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव कल जब भागलपुर जिले में एक सभा को संबोधति करने वाले थे तो उनके पहुंचने से पहले ही सरकार के इशारे पर स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया। भागलपुर जिले में पशुपालन घोटाला से भी बड़े पैमाने पर स्वयंसेवी संस्था सृजन के माध्यम से सरकारी राशि का घोटाला किया गया है और वहां के लोग इस मामले में प्रतिपक्ष के नेता से सच्चाई जानना चाहते थे। श्री सिंह ने कहा कि सरकार को जैसे ही श्री यादव के कार्यक्रम की जानकारी मिली तो वहां धारा 144 लागू कर दी गई। सरकार के इशारे पर उठाये गये इस कदम के कारण स्थानीय लोग सरकारी राशि के इतने बड़े पैमाने पर हुये घोटाले की सच्चाई को नहीं जान सके। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जब श्री यादव दो दिन पूर्व वैशाली जा रहे थे तो ठीक उनके काफिले के पीछे उप मुख्यमंत्री श्री मोदी भी जा रहे थे और बाद में कहा गया कि श्री मोदी पर राजद समर्थकों ने हमला किया है। यह विवाद खड़ा करने का एक प्रयास था। 


राजद नेता ने कहा कि श्री यादव को भागलपुर नहीं पहुचने देने की यह सोची समझी साजिश थी। भागलपुर के लोग आज सरकारी राशि घोटाले की जानकारी के लिये राज्य के सभी नेताओं की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच में सरकारी राशि की एक हजार करोड़ रुपये की लूट का खुलासा हुआ है लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है घोटाले की राशि बढ़ती जा रही है। सृजन घोटाले को पशुपालन घोटाले से भी बड़ा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक हजार करोड़ रुपये की नहीं बल्कि 15 हजार करोड़ रुपये की सरकारी राशि की लूट है इसलिये इसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करायी जानी चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि इतने बड़े घोटाले की सही तरीके से जांच हो सके। राजद विपक्ष की भूमिका का सही ढंग से निर्वहन कर रहा है लेकिन सरकार इसमें भी अड़ंगा डालने में लगी हुयी है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े घोटाला होने के बाद लोगों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है और इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि इस मामले में श्री कुमार और श्री मोदी तथा वर्ष 2013 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में सहकारिता मंत्री रहे रामाधार सिंह सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं। राजद नेता ने कहा कि सरकारी राशि के घोटाले को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने भी आपत्ति जतायी थी। इसके वाबजूद भी इस पर कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में विधानसभा में अपने बजट भाषण के दौरान उन्होंने सरकार को भ्रष्टाचार से बचने की सलाह दी थी लेकिन इसपर अमल नही किया गया। मुख्यमंत्री श्री कुमार में तनिक भी नैतिकता बची है तो वह एक सप्ताह के अंदर इस मामले की सीबीआई से जांच की अनुशंसा करें और जांच से पहले अपना पद छोड़ दें। 

कोई टिप्पणी नहीं: