चीनी पटाखों का करें बहिष्कार:हर्षवर्द्धन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 अगस्त 2017

चीनी पटाखों का करें बहिष्कार:हर्षवर्द्धन

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नयी दिल्ली 17अगस्त, पर्यावरण और विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्री डाक्टर हर्षवर्द्धन ने दीपावली पर चीनी पटाखाें का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकार सभी किस्म के पटाखों की जगह भविष्य में प्रदूषण मुक्त पटाखे विकसित करने की योजना है। डाक्टर हर्षवर्द्धन यहां महीने भर चलने वाले ‘हरित दीपावली स्वच्छ दीपावली’अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि कि वैसे तो सभी किस्म के पटाखे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकार हैं लेकिन चीनी पटाखाें में विशेष रूप से बेहद खतरनाक रसायन मौजूद होते हैं। इन पटाखों की बिक्री पर रोक है लेकिन तस्करी के जरिए चाेरी छिपे ये बाजारों में बहुतायत में पहुंच रहे हैं। ऐसे में यह आमलोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे इन्हें नहीं खरीदें और इनका बहिष्कार करें। इस सवाल पर कि अगर सरकार देश में निर्मित पटाखों को भी पर्यावरण के लिहाज से हानिकार मानती है तो इनपर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा देती, डाक्टर हर्षवर्द्धन ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है। कोई भी फैसला लेते समय जनमानस की भावनाआें का भी ख्याल रखना पड़ता है इसलिए सरकार ने एक बीच का रास्ता निकाला है। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय की विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर एेसी प्रौद्योगिकी विकसित करने की योजना है जिससे प्रदूषण मुक्त पटाखे बनाए जा सकें जो प्रदूषण फैलाने की बजाए वातावरण में सुंगध फैलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना में पटाखा उद्योग को भी जागरूक बनाने का काम किया जा रहा है। यह काम अकेले सरकार नहीं कर सकती इसमें सबकी भागीदारी जरूरी है। पर्यावरण मंत्री ने इस अवसर पर खासतौर से स्कूली बच्चाें से अपील की कि वह दीपावली के अवसर पर पटाखे जलाने से बचें और पटाखों पर खर्च किए जाने वाले पैसों से गरीब बच्चाें के लिए तोहफे खरीद कर खुशियां बांटे। उन्होंने कहा कि चरित्र निमार्ण हो चाहे भ्रष्टाचार मुक्त न्यू इंडिया के निमार्ण के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने की बात हो हर अभियान की शुरूआत स्कूलों से ही होनी चाहिए क्योंकि देश का भविष्य तक करने वाली नयी पीढ़ी की बुनियाद स्कूलों में ही डाली जाती है। उन्हाेंने पटाखों से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुकसान के बारें में डाक्टरी के अपने पेशे के अनुभव साझा करते हुए कहा कि कोई ऐसी दीपावली नहीं रही है जिसमें फेफडों के संक्रमण या फिर कान के पर्दे फटने आैर आंखों की रौशनी जाने जैसी शिकायतों को लेकर लोग उनके पास इलाज कराने न आए हों। उन्होंने बच्चों को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का संकल्प दिलाने के साथ कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि आज के बच्चे भविष्य के लिए पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश करने का काम करेंगे। उन्होंने पर्यावरण मंत्रालय की ओर से एक नई पहल के तहत एक ईमेल अभियान शुरु करने की जानकारी देते हुए स्कूली बच्चों से अपील की कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले अपने प्रयासों की जानकारी इस ईमेल पर मंत्रालय को भेज सकते हैं। सभी संदेशों को जुटाने के बाद उनकी एक प्रतियोगिता आयेाजित की जाएगी और सबसे बेहतरीन काम करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही उनके प्रयासों और सुझावों से भविष्य में बच्चों के लिए ऐसी योजना बनाई जाएगी जिससे वे लाभान्वित होंगे । हरित दीपावली, स्वच्छ दीपावली अभियान के अवसर पर स्कूली बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण विषय पर नृत्य नाटिका और कई अन्य रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। इस अवसर पर पटाखों से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरुक बनाने के लिए पर्यावरण भवन में एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है।

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