पटना, 27 अगस्त। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिवमंडल ने आज यहां प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार में बाढ़ की प्रलयंकारी स्थिति और जानमाल के हुए भारी नुकसान पर गहरी चिंता जताते हुए, बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई करने को कहा है। भाकपा राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि राज्य में आई प्रलयंकारी बाढ़ से अबतक 418 लोगों की जाने जा चुकी है। राज्य के 19 जिलों की 1.67 करोड़ लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। करीब 50 हजार मकान, झोपड़ियों के ध्वस्त होने की खबर है। लाखों एकड़ में लगी करोड़ों की फसल बर्बाद हो चुकी है। हजारों पशु बाढ़ में बह गये हैं। जानवरों के लिए चारा का संकट पैदा हो गया है। जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि सरकार की व्यवस्था अपर्याप्त है। करीब ढाई लाख लोगों को राहत षिविरों में रखकर राहत पहुंचाया जा रहा है। वह भी अपर्याप्त है। पीड़ित बीमारी के षिकार हो रहे हैं। मौतें होनी शुरू हो गई हैं। बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में आवष्यक राहत सामग्री नहीं पहुँच पा रही है। भूखे लोग राहत सामग्री पाने के लिए टूट पड़ते हैं।
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीष कुमार जी ने स्वयं कहा था कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए दस हजार करोड़ रूपया की आवष्यकता है और केन्द्र सरकार से उन्होंने राषि की मांग की थी। किन्तु चिंता की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और मात्र 500 करोड़ रूपया देने की घोषणा कर चलते बने। यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा से स्पष्ट है कि केन्द्र सरकार बिहार को उपेक्षापूर्ण दृष्टि से देख रही है। भाकपा राज्य सचिव श्री सिंह ने बिहार सरकार से मांग की है कि बाढ़ पीड़ितों तक राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाया जाय। बाढ़ के मृतकों को 5-5 लाख रूपया और गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रूपया मदद के रूप में दिया जाय। मकानों, झोपड़ियों तथा फसलों के लिए प्रभावितों को मुआवजा दिया जाय। महामारी फैलने की आषंका को दृष्टि में रखते हुए पर्याप्त दवाइयों के साथ चिकित्सा दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाय।
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