नयी दिल्ली 22 अगस्त, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तीन तलाक (तलाक-ए-बिदअत) को खत्म करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए आज कहा कि इस सुधार की काफी समय से जरूरत थी । श्री नकवी ने न्यायालय के इस फैसले के संबंध में यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि न्यायालय द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कोई कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा,“ जब न्यायाधीशों तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया है तो इसके लिए कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा कि न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ में से दो न्यायाधीशों ने ही कानून बनाने की बात कही है, बहुमत ने नहीं। श्री नकवी ने कहा कि इस पर पिछले दो साल से राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई थी और आज न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में इस प्रथा को असंवैधानिक तथा गैर इस्लामिक करार दिया है। यह धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है बल्कि समाज सुधार का मसला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘ सुधारों की सरकार’ है। उसने प्रारंभ से ही इस सामाजिक बुराई का विरोध किया और हमेशा लैंगिक समानता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा,“ हमें सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सख्त रवैया नहीं बल्कि सुधारवादी रुख अपनाना चाहिए।” श्री नकवी ने कहा कि पहले भी सती प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सुधार कार्य हुए हैं।
मंगलवार, 22 अगस्त 2017
तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत नहीं : नकवी
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