चेन्नई, 22 अगस्त, अन्नाद्रमुक के दोनों धड़ों के विलय के एक दिन बाद पार्टी के उप महासचिव टीटीवी दिनाकरण के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विपक्षी दलों ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), पट्टालि मक्कल काची (पीएमके), विदुथलाई चिरूथईगल काची (वीसीके) और अन्य दलों ने श्री दिनाकरण और 19 विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद श्री पलानीस्वामी से बहुमत साबित करने की मांग की है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि श्री दिनाकरण की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद सरकार अल्पमत में आ गयी है और राज्य में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा,“ विपक्ष के नेता के तौर पर मैं राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह श्री पलानीस्वामी को विधानसभा में जल्द से जल्द बहुमत साबित करने का निर्देश दे ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त का मौका नहीं मिल सके।” पीएमके की युवा शाखा के नेता एवं लोकसभा सांसद अंबुमणि रामदास ने कहा कि राज्यपाल को विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को तीन दिन के भीतर बहुमत साबित करने का निर्देश देना होगा। उन्होंने कहा कि श्री पलानीस्वामी की सरकार को दिनाकरण कैम्प के 19 और तीन अन्य विधायकाें के समर्थन वापस लेने के बाद नैतिक आधार पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के पास विधानसभा में कुछ 134 सदस्य हैं जिनमें से 22 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद 112 विधायक बचे गये हैं जबकि सरकार में बने रहने के लिए 234 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम 118 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। विधानसभा में फिलहाल कुल 233 सदस्य हैं और एक सीट पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद से खाली है। वीसीके के नेता टी तिरुमावलावन और द्रविदड़ कषगम के अध्यक्ष के वीरामणि समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री से बहुमत साबित करने की मांग की। श्री दिनाकरण ने पार्टी के 19 विधायकों के साथ तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से राजभवन में मुलाकात करके सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्यपाल को सौंपे चार पृष्ठ के पत्र में पलानीस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने जानकारी दी गयी है। अन्नाद्रमुक के विधायक थांगा तमिल सेल्वम ने ट्वीट कर कहा,“हमारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री काे समर्थन नहीं हैं, उन्हें विश्वास मत हासिल करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि श्री पलानीस्वामी के प्रति विश्वास खो देने के कारण समर्थन न करने का निर्णय लिया गया है। श्री पलानीस्वामी पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के सपनों को पूरी तरह दरकिनार करके काम कर रहे हैं। श्री दिनाकरण की ओर से सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने राज्यपाल से श्री पलानीस्वामी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश देने की मांग की है।
मंगलवार, 22 अगस्त 2017
विपक्षी दलाें ने की पलानीस्वामी से बहुमत साबित करने की मांग
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