राहुल ने एसपीजी सुरक्षा काे दरकिनार कर ख़ुद को जोखिम में डाला: राजनाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 अगस्त 2017

राहुल ने एसपीजी सुरक्षा काे दरकिनार कर ख़ुद को जोखिम में डाला: राजनाथ

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नयी दिल्ली 08अगस्त, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर गुजरात में हुए हमले को लेकर लोकसभा में कांग्रेसी सदस्यों के हंगामे के बीच आज कहा कि श्री गांधी जानबूझ कर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा नियमों की अवहेलना करके खुद को बार बार जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं। सुबह संसद की कार्यवाही शुरु होते ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल शुरू करने से कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे को अपवाद के तौर पर यह मामला उठाए जाने की अनुमति इस शर्त पर दी कि श्री गांधी सदन के सदस्य हैं। श्री खड़गे ने कहा श्री गांधी उनके राष्ट्रीय नेता हैं और वह गुजरात में बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने बनासकांठा गये थे जहां उन पर जानलेवा हमला हुअा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवादी पथराव करते हैं तो क्या कश्मीरी आतंकवादी गुजरात आ गये थे। उनके इतना कहते ही सत्तापक्ष के लोग हंगामा करने लगे। श्री खड़गे ने कहा कि गनीमत रही कि पत्थर सीट की पिछली सीट पर गिरा। अगर आगे की सीट पर लगा होता तो श्री गांधी की जान भी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी करके डराने वालों से वह कहना चाहते हैं, “वो शहीद का बेटा है, दो-दो जानें चलीं गयीं हैं। ये डरने वाला नहीं है। कांग्रेस डरने वाली नहीं है।” गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्री खड़गे के इस बयान का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि श्री गांधी देश की अनमोल धरोहर हैं इसलिए उन्हें (एसपीजी) सुरक्षा प्रदान की गई है लेकिन वह जानबूझ कर सुरक्षा संबंधी सलाह की बार बार अवहेलना करते हैं जो ना केवल एसपीजी कानून का उल्लंघन बल्कि खुद उनकी जान के लिए जोखिम वाला है। श्री सिंह ने गुजरात की घटना का सिलसिलेवार जवाब देते हुए कहा कि गुजरात सरकार को एक अगस्त को सूचना भेजी गयी थी कि श्री गांधी गुजराज आने वाले हैं। तीन अगस्त को विस्तृत कार्यक्रम भेजा गया था। चूंकि उन्हें एसपीजी सुरक्षा प्राप्त है इसलिये एडवांस सिक्योरिटी लाइज़न की कार्रवाई की गयी थी जिसमें एसपीजी, पुलिस प्रशासन आदि अधिकारी शामिल थे। 


एसपीजी एवं राज्य आसूचना विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये थे और दो बुलेटप्रूफ गाड़ियां और जैमर की व्यवस्था की थी। सुरक्षा बंदोबस्त में राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिये दो पुलिस अधीक्षक, छह उपाधीक्षक, सात निरीक्षक, 20 उपनिरीक्षक, 236 हवलदार और 134 राज्य सशस्त्र पुलिस बल कर्मी तैनात किये थे। उन्होंने कहा कि थावर हैलीपेड पर जब श्री गांधी उतरे तो उन्होंने एसपीजी अधिकारी की बात नहीं मान कर अपने निजी सचिव की बात मानकर बुलेट रेजिस्ट (बीआर) कार छोड़ कर गैर बीआर कार असुरक्षित टोयोटो फार्च्यूनर में सवार हो गये। एसपीजी गार्डों को अपनी जान जोखिम में डाल कर उसके गेट पर खड़े होकर सुरक्षा संभालनी पड़ी। उन्होंने बताया कि श्री गांधी बीच में ऐसे ऐसे स्थानों पर रुके और गाड़ी से उतर कर लोगों से मिले। धनेरा में करीब 4000 लोगों की एक जनसभा को संबोधित किया और वहां करीब 400-500 की भीड़ ने उनका विरोध करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाये। जब उनका काफिला लालचौक से अागे बढ़ा तभी किसी ने एक पत्थर गाड़ी की ओर फेंका जो बायीं ओर की पिछली सीट पर गया आैर कांच टूट गया। इससे एसपीजी के एक जवान के हाथ में चोट आयी है। गृहमंत्री ने बताया कि राज्य पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 332, 333 और 427 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा कि श्री गांधी द्वारा एसपीसी सुरक्षा काे बार बार दरकिनार किए जाने के बावजूद गुजरात सरकार ने उन पर पत्थर फेंके जाने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा है। इस मामले में एक गिरफ्तारी भी हुई है। श्री सिंह ने कहा कि श्री गांधी को बीआर कार का प्रयोग करना चाहिये था। सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिये था। पर यदि वह स्वयं ही सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन करेंगे ताे फिर कोई भी चाकचौबंद व्यवस्था बेकार हो जायेगी। उन्होंने कहा कि बीते दो साल में श्री गांधी ने 121 बार देश में निर्धारित एवं गैर निर्धारित यात्रायें कीं जिनमें से सौ यात्राओं में उन्होंने एसपीजी के सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन किया है। वह छह बार 72 दिनों के लिये विदेश यात्रा पर एसपीजी सुरक्षा कवर छोड़ कर गये हैं। इस अत्यंत गंभीर बात को कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, कांग्रेस मुख्यालय और श्री गांधी के समक्ष उठाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आखिर श्री गांधी एसपीजी सुरक्षा कवर से बाहर जाकर क्या छिपाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि श्री गांधी को एसपीजी सुरक्षा कवर संसद के कानून के तहत मिली है। उन्हें सुरक्षा प्रोटोकॉल का हर हाॅल में पालन करना चाहिये। उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति का सुरक्षा कवर एक क्षण के लिये भी नहीं हटाया जा सकता है। उन्होंने श्री गांधी पर कटाक्ष भी किया कि ऐसा लगता है कि श्री गांधी गुजरात में बाढ़ पीड़ितों का दुखदर्द जानने की बजाये आपदा पर्यटन के लिये गये थे। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पत्थर किसी पर भी फेंका जाये, दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे कदापि उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

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