सबूतों के अभाव में स्वयंभू बाबा रामपाल दो आपराधिक मामलों में बरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 30 अगस्त 2017

सबूतों के अभाव में स्वयंभू बाबा रामपाल दो आपराधिक मामलों में बरी

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हिसार. 29 अगस्त, हिसार की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा रामपाल को आज सबूतों के अभाव में दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया । हिसार के न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने फैसला सुनाते हुए सतलोक आश्रम, बरवाला के प्रमुख रामपाल और उनके अनुयायियों को बरी कर दिया । पुलिस की ओर से डेरा सच्चा सौदा मामले की पृष्ठभूमि में तनाव व्याप्त होने के जिक्र किये जाने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 24 अगस्त को मामले की सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए टाल दी थी । रामपाल के वकील ए पी सिंह ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘अदालत ने दोनों मामले में रामपाल को बरी कर दिया है। ’’ रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ 17 नवंबर 2014 को आईपीसी की धारा 186 (सरकारी कामकाज के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा डालना), 332 ( जानबूझकर लोकसेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन में चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसका कर्तव्य पूरा करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया था । रतिया (फतेहाबाद) के सुखदेव सिंह की शिकायत पर दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, लोकसेवक के आदेश का उल्लंघन और गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोककर रखने के आरोप में रामपाल और उसके अनुयायियों-पुरूषोत्तम दास, राज कुमार, मनोहर सिंह, राजेंद्र सिंह, राहुल और 30-40 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 18 नवंबर, 2014 को एक और मामला दर्ज किया गया था । वर्ष 2014 में आश्रम परिसर से रामपाल के 15000 से ज्यादा अनुयायियों को खाली कराने को लेकर उसके कुछ समर्थकों और पुलिस के बीच गतिरोध के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया गया था। इस गतिरोध ने हिंसक रूप ले लिया जिससे पांच लोगों की मौत हो गयी थी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रामपाल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। रामपाल ने इस आदेश पर अमल के लिये पुलिस की कार्रवाई का प्रतिरोध किया था। उसने अदालत की अवमानना जैसे आरोपों पर जवाब देने के लिए उच्च न्यायालय में पेश होने से भी इंकार कर दिया था । वह बरवाला हिसार में अपने आश्रम के भीतर छिपा रहा । बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि रामपाल अभी जेल में ही रहेगा क्योंकि वह देशद्रोह सहित अन्य आरोपों का सामना कर रहा है।

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