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बुधवार, 9 अगस्त 2017

तेजस्वी ने शुरू की जनादेश अपमान यात्रा , कहा-नीतीश ने बापू को दिया धोखा

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पटना 09 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को धोखा देने का आरोप लगाते हुए बापू से ‘हे राम’ से ‘श्री राम’ में पलटी मारकर गये नेताओं को सद्धबुद्धि देने की प्रार्थना की है। श्री यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी से मुख्यमंत्री के खिलाफ जनादेश अपमान यात्रा का आगाज करने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर यात्रा से संबंधित कई चित्रों को साझा करते हुए लिखा, “हे राष्ट्रपिता और हमारे प्यारे बापू गांधी, आपके स्वतंत्रता आन्दोलन की पहली प्रयोगशाला चम्पारण से यात्रा शुरू करने का मकसद है, उन मूल्यों को याद करना जिन्हें आप भारत की बुनियाद बनाना चाहते थे। उनमें सबसे प्रिय मूल्य थे अहिंसा और प्रेम। आप सभी धर्मों की एकता के साथ एक ऐसे भारत का सपना देख रहे थे जहां एक धर्म के लोग किसी भी दूसरे धर्म के लोगों पर चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाले हो उन पर अपने जीने, रहने-सहने और रीति-रिवाज का तरीका नहीं थोपेंगे। बापू, आपका उद्देश्य वंचितो और ग़रीबों को बराबरी का हक और इज्जत देने का था।” पूर्व मुख्यमंत्री ने यात्रा के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा,“ यह यात्रा प्रायश्चित है हमारी अपनी कमजोरियों के लिए जिनके चलते हम उन मूल्यों से दूर हो गए और स्वार्थी क़िस्म के लोगों के संग लोकहित और एकता खोजने चले थे। अब हमारा यह संकल्प है कि हम अपनी कमजोरियों को पहचान उनपर जीत हासिल कर व्यापक स्तर उन मूल्यों का प्रचार और प्रसार करें। देश के किसी भी हिस्से में अगर कोई नाइंसाफी का शिकार होता है तो हमारी सामूहिक जिम्मेवारी है। सामाजिक अन्याय, आर्थिक विषमता , तानाशाही और नफ़रत की बुनियाद पर हम देश में शांति और अहिंसा स्थापित नहीं कर सकते।” श्री यादव ने आगे लिखा, “लोगों के विश्वास को चकनाचूर करने वालों के विरुद्ध हम एकत्रित हुए है। हम इंसानियत, विकास, विश्वास और मोहब्बत के लिए राजनीति के पक्ष में हैं। सत्ता सिर्फ उसका एक साधन है। हम उम्मीद करते हैं कि इस यात्रा के जरिए हम बिहार की जनता के भीतर की इन्साफ, बराबरी और अमन की भावना के साथ अपनी राजनीति को जोड़ सकेंगे और बिहार को एक विकसित प्रदेश बनाने में जी-जान से जुटेंगे। अगर जाने-अनजाने में हम जैसे युवाओं से कोई ग़लती हुई हो तो आपके क्षमाप्रार्थी है। अंत में हम आपसे प्रार्थना करते है कि हमें इतना आत्मबल, ईच्छा शक्ति और सामर्थ्य देना कि हम समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को प्रथम पंक्ति में खड़े प्रथम व्यक्ति जैसा सम्मान, जीवन शैली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं दे सकें। हे बापू, वो स्वार्थी लोग जो आपके हत्यारों से डरकर ‘हे राम’ से ‘जय श्रीराम’ में पलटी मार गए उनको आप सदबुद्धि दें।

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