बच्चों के जनसंहारी योगी के इस्तीफे की मांग पर प्रदर्शन : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 14 अगस्त 2017

बच्चों के जनसंहारी योगी के इस्तीफे की मांग पर प्रदर्शन : माले

  • कफील खान पर कार्रवाई योगी सरकार की सांप्रदायिक राजनीति का एक और उदाहरण.

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पटना 14 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी के इस्तीफे की मांग पर राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत पूरे राज्य में प्रदर्शन किया गया. राजधानी पटना सहित भोजपुर, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सहरसा, नवादा, सिवान, दरभंगा आदि जगहों पर भी प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया. पटना में कारगिल चैक पर प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया. सबसे पहले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल काॅलेज में आॅक्सीजन की कमी से मारे गये बच्चों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. तत्पश्चात सभा की शुरूआत हुई. प्रदर्शनकारी बच्चों के जनसंहारी यूपी मुख्यमंत्री इस्तीफा दो; हादसा नहीं जनसंहार है, योगी सरकार जिम्मेदार है; चिकित्सा मद में वृद्धि करो, उन्मादी-उत्पात की राजनीति बंद करो नागरिक सुविधायें बहाल करो आदि नारे लगा रहे थे. सभा का संबोधित करते हुए पार्टी की केंद्रीय कमिटी सदस्य सरोज चैबे ने कहा कि ऐसी हृदयविदारक घटना को महज प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा कहना सही नहीं होगा, बल्कि यह राज्य प्रायोजित जनसंहार है. 5 महीने से आॅक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को महज 70 लाख रु. भुगतान न करने का नतीजा है कि इतने बड़े पैमाने पर बच्चों को मौत की नींद सोना पड़ा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसकी आपराधिक जवाबदेही स्वीकार करते हुए अविलंब अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. लेकिन हम देख रहे हैं कि मुख्यमंत्री निर्लज्ज बयानबाजी कर रहे हैं और बच्चों की मौत के लिए अन्य किसी को जिम्मेवार ठहराने की कोशिश कर रहे हैं.


शशि यादव ने कहा कि एक तरफ मोदी-योगी की सरकार पूरे देश में उन्माद-उत्पात फैलाकर लोगों में भय व आतंक पैदा कर रही है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय की उपेक्षा करके जनसंहार रचा रही है. योगी प्रशासन का पूरा जोर यूपी में उन्माद-उत्पात फैलाने व अल्संख्यक समुदाय के लोगों को डराने में है, जाहिर है ऐसे में जरूरी नागरिक सेवायें सरकार के लिए कोई विषय ही नहीं बनेगी. यहां तक कि जिस कफील खान ने बच्चों की जान बचाने के लिए अथक परिश्रम किया, उसे भी योगी ने हटा दिया. जाहिर है कि इस दुख व वेदना की घड़ी में भी योगी अपनी सांप्रदायिक राजनीति से बाज नहीं आए. ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने कहा कि यदि योगी सरकार इस्तीफा नहीं करती, तो हम अपने आंदोलन को और तेज करेंगे. जो सरकार अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. सभा का संचालन माले के वरिष्ठ नेता मुर्तजा अली ने किया. जबकि इस मौके पर पार्टी की राज्य कमिटी सदस्य नवीन कुमार, अनीता सिन्हा, माले नेता नसीम अंसारी, रामबलि प्रसाद, आबिदा खातून, पन्नालाल, अनय मेहता, आइसा नेता मोख्तार, आकाश कश्यप, बाबू साहेब, रामजी यादव, प्रीति प्रभा, अभिनव, आदि मौजूद थे.

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