भागलपुर 11 सितंबर, बिहार के चर्चित भागलपुर सृजन घोटाले की जांच कर रहे केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इससे जुड़े कई बैकों और सरकारी विभागों के दस्तावेजों की गहन छानबीन आज से शुरु कर दी। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि अरबों रुपये के इस घोटाले की जांच करने वाली राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) और विशेष जांच दल ( एसआईटी) की टीम द्वारा उपलब्ध कराये गये संबंधित बैंक एवं सरकारी विभाग के दस्तावेजों, साक्ष्यों तथा अन्य सामग्रियों की जांच सीबीआई ने शुरु कर दी है। ब्यूरो ने एक प्रशनावली की सूची उक्त संस्थानों को भेजी है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारियों ने इस प्रशनावली के जरिये घोटाले से जुड़े खातों मे जमा करायी गयी और स्थानांतरित की गयी सरकारी राशि की निकासी के कारणों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के हस्ताक्षर की सत्यता आदि का जबाव मांगा है। इस घोटाले में लिप्त जिला भू-अर्जन विभाग और जिला परिषद की विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन ने आज सीबीआई टीम को उपलब्ध कराया है। सूत्रों ने बताया कि इस रिपोर्ट में दोनों विभागों के सभी बैंक खातों और इन खातों मे कब और कितनी राशि के जमा होने जैसी सभी आंकड़ों की चर्चा की गई है। इसके अलावा सृजन घोटाले में जेल में बंद जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार के जब्त किये गये 17 बैंक खातों की भी जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है।
सूत्रों ने बताया कि टीम के अधिकारी अलग अलग बैकों से जुड़े खातों की गहरायी से जांच कर रहे हैं और इस मामले में संबंधित बैंक अधिकारियों से पूछताछ की गई है। इसबीच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने यहां बताया कि जेल में बंद सृजन घोटाले का आरोपी बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मुख्य प्रबंधक अरुण कुमार सिंह को आज भी इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) नहीं भेजा जा सका है। उन्होंने बताया कि आज जेल प्रशासन की ओर से उन्हें पीएमसीएच भेजने का पत्र मिल गया और कल उन्हें वहां बेहतर इलाज के लिए भेज दिया जायेगा। श्री सिंह किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। गौरतलब है कि है कि पूर्व मुख्य प्रबंधक श्री सिंह को न्यायालय ने जेल प्रशासन की अर्जी पर पीएमसीएच में इलाज के लिए भेजने का निर्देश दिया था। पुलिस बल उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें नहीं भेजा जा सका था। इससे पूर्व इस घोटाले का आरोपी और कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल की जेल जाने के छह दिन बाद ही बीमारी के कारण मौत हो गयी थी। देश-विदेश में चर्चित करीब तेरह सौ करोड़ रुपये की सरकारी राशि के गबन की जांच कर रही सीबीआई ने सबौर में कैंप कार्यालय बनाया है।
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