जयपुर 07 सितम्बर, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केन्द्र सरकार देश से प्रतिभा पलायन को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी तथा इसके लिए देश में विश्वस्तरीय अनुसंधान सुविधाएं विकसित करने के साथ ही अध्यापन की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। श्री जावड़ेकर आज यहां मणिपाल विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में उत्कृष्ट अनुसंधान संस्थाएं विकसित करने और अध्यापकों के कौशल में विकास के लिए बीस हजार करोड़ रुपये का विशेष कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रवृति के तौर पर दी जाने वाली धनराशि का कम होना भी प्रतिभा पलायन का महत्वपूर्ण कारण है तथा इससे निपटने के लिए सरकार ने तय किया है कि हर साल देश के एक हजार सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों को हर महीने 75 हजार की प्रधानमंत्री छात्रवृति दी जायेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि सरकार ने देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से 20 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने का फैसला किया है। इन्हें पहले चरण में दुनिया के श्रेष्ठ 200 और दूसरे चरण में प्रथम 100 विश्वविद्यालयों में स्थान दिलाने के लक्ष्य के साथ खोला जाएगा। श्री जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री की पहल पर शुरू किये गए ऑनलाइन शिक्षण पोर्टल “स्वयं” को काफी लोकप्रियता मिल रही है अब तक डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी इस पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं। समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी और शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के करीब एक हजार विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
शुक्रवार, 8 सितंबर 2017
केन्द्र सरकार प्रतिभा पलायन को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी : जावड़ेकर
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