पटना 04 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के जनता दल यूनाईटेड(जदयू)पर कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के प्रयास के आरोप पर आज कहा कि कांग्रेस को अपमानित करने और उसे अपनी जेब में रखने के लिए ही श्री यादव ऐसी बातें कर रहे हैं। श्री कुमार ने यहां ‘लोकसंवाद’ कार्यक्रम के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “श्री यादव जानबूझकर कांगेस में टूट होने की खबर का प्रचार कर रहे हैं और इसका दोष जदयू पर मढ़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बिहार में श्री यादव लंबे समय से कांग्रेस को अपनी जेब में रखे हुये हैं और जब उन्हें लगता है कि कांग्रेस उनकी जेब से बाहर निकल जाएगी तो वह ऐसी बातें करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि वह ऐसी बातों पर ध्यान ही नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के जदयू के खिलाफ दिये गये बयान पर कहा कि श्री आजाद बिहार पर विशेषज्ञ बनने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री आजाद को बड़ी समस्याओं का समाना कर रहे उनके गृह राज्य जम्मू कश्मीर पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वहां की समस्याओं के समाधान के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि राजद अध्यक्ष ने कल कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह को बिहार भाजपा के लोगों ने रिपोर्ट दे दी थी कि श्री कुमार कांग्रेस को तोड़कर अपने दम पर बहुमत का जुगाड़ करने में लगे हैं। इसलिए उनपर विश्वास नहीं किया जाये।
मुख्यमंत्री ने 27 अगस्त को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुई राजद की रैली के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि यह रैली तो श्री यादव का पारिवारिक उत्सव था। उन्होंने कहा कि राजद के 80 विधायक हैं लेकिन उनमें में से कितने विधायकों को मंच पर जगह मिली, यह आप सबको मालूम है। श्री कुमार ने राजद अध्यक्ष के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की ओर इशारा करते हुये कहा कि यह सबने देखा कि राजद की रैली में श्री शरद यादव के बाद किसने बोला। उन्होंने रैली में जुटी भीड़ को लेकर राजद की ओर से किये जा रहे दावों पर कहा कि रैली में भीड़ का फोटोशॉप भी सबने देखा है। श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने रैली के दौरान श्री यादव के भाषण को सुना लेकिन उन्होंने कुछ भी नया नहीं कहा। इस दौरान उनके भाषण में पिछले कुछ सप्ताह में रांची और पटना में दिये गये बयान की पुनरावृत्ति थी। उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं बोला, जिस पर ध्यान दिया जाये।
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