‘एक देश एक चुनाव’ लागू होने से बंद होगी वोट बैंक की राजनीति : नकवी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 9 सितंबर 2017

‘एक देश एक चुनाव’ लागू होने से बंद होगी वोट बैंक की राजनीति : नकवी

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पटना 09 सितंबर, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तुष्टिकरण की राजनीति को विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बताया और कहा कि ‘एक देश एक चुनाव’ प्रणाली लागू किये बिना वोट बैंक की राजनीति समाप्त नहीं हो सकती। श्री नकवी ने आज यहां आयोजित एक कॉन्क्लेव में कहा, “देश के विकास की राह में सबसे बड़ा रोड़ा वोट बैंक की राजनीति है और इसपर रोक लगाने के लिए एक देश एक चुनाव प्रणाली लागू करना ही होगा।” उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले तीन साल में तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण एवं सबके विकास का कार्य किया है।  मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने का प्रयास किया है, एक क्षेत्र चुनाव भी है जहां सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के अलग-अलग समय में चुनाव होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य रुक जाता है। ऐसे में एक देश एक चुनाव प्रणाली लागू होना देश की सबसे बड़ी जरूरत है। 


श्री नकवी ने कहा कि ‘नये भारत’ का संकल्प समाज के हर तबके- गरीब, कमजोर, अल्पसंख्यक, पिछड़े- को तरक्की की मुख्यधारा में शामिल करना है। धर्म-जाति से ऊपर उठकर गरीबों, कमजोर तबकों एवं अल्पसंख्यकों का विकास केंद्र की मोदी सरकार का संकल्प है। उन्हाेंने कहा कि ‘सम्मान के साथ सशक्तिकरण’ का रास्ता ही अल्पसंख्यकों के विकास की गारंटी है। पिछले कई दशकों से तुष्टिकरण ने सशक्तिकरण को बंधक बना लिया था लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान हमने तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण का रास्ता अपनाया है, जिसका नतीजा यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हुआ है। श्री नकवी ने कहा कि ‘तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण’ की नीति का लाभ यह हुआ कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सभी अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं को जमीन पर पूरी ईमानदारी से लागू किया है। 

उन्होंने अपने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में ढांचागत विकास को तेज गति दी गई है। इनमें 248 बहु-उद्देशीय सद्भाव मंडप, 13,624 पेयजल के ढांचे, 27 गुरुकुल प्रकार के आवासीय विद्यालय, 9473 आंगनवाड़ी, 730 हॉस्टल, 1840 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, 97 आईटीआई, 17 पॉलिटेक्नीक, 15 डिग्री कॉलेज, 1163 स्कूल बिल्डिंग का निर्माण पिछले 3 वर्षों में किया गया है। जहाँ तक बिहार का सवाल है, पिछले तीन वर्षों में 142 पेयजल ढांचे, 517 स्वास्थ्य सुविधाओं, 90 आंगनवाड़ी का निर्माण किया गया है और पिछले 6 महीने में 52 सद्भाव मंडप और एक आवासीय विद्यालय को स्वीकृति दी गई है। श्री नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा पिछले 3 वर्षों में एक करोड़ 88 लाख छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां दी गई हैं। इन छात्रवृत्तियों में 52 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को दी जा रही हैं। पिछले तीन वर्षों में 5.2 लाख से ज्यादा युवाओं, जिनमें 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं, को विभिन्न कौशल विकास की योजनाओं के तहत रोजगार पूरक ट्रेनिंग एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराये गए हैं। देश के 100 जिलों में गरीब नवाज़ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जा रही है, प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियां शामिल हैं। 


उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में दस्तकारों/शिल्पकारों के लिए आयोजित हुनर हाट का माध्यम से एक लाख से ज्यादा हुनर के उस्तादों को मार्किट-मौका मुहैया कराया गया है। ‘पढ़ो परदेश’ योजना के तहत लगभग 2000 छात्र-छात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका दिया गया। फ्री-कोचिंग का लाभ लगभग 34 हजार युवाओं को मिला है। साथ ही 3000 से ज्यादा युवाओं को ‘नई उड़ान’ योजना में सिविल सेवा एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए आर्थिक सहायता मुहैय्या कराई गई। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 50 से अधिक अल्पसंख्यक समुदाय के युवा इस वर्ष सिविल सेवा में सफल हुए। उन्होंने कहा कि बिचौलियों-बेईमानों से मुक्त व्यवस्था का नतीजा है कि समाज का हर तबका विश्वास के साथ विकास का एहसास कर रहा है और आने वाले दिनों में राज्य सरकारों के साथ संपर्क-संवाद-समन्वय के माध्यम से विकास की गति को और धारदार बनाया जाएगा। 

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