प्रधानमंत्री मोदी ने किया देश के तीसरे सबसे ऊंचे बांध का लोकार्पण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 18 सितंबर 2017

प्रधानमंत्री मोदी ने किया देश के तीसरे सबसे ऊंचे बांध का लोकार्पण

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केवडिया (गुजरात), 17 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश के तीसरे सबसे ऊंचे कंक्रीट निर्मित बांध, उनके गृह प्रदेश गुजरात के नर्मदा जिले में नर्मदा नदी पर यहां बने सरदार सरोवर बांध का आज अपने जन्मदिन पर लोकार्पण किया। श्री मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यहां बांध और नर्मदा के जल की पूजा कर इसका लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नीतिन गडकरी और गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी तथा अन्य मंत्री उपस्थित थे। पूर्व की व्यस्तता के कारण इस योजना के भागीदार राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं आ सके। 5 अप्रैल 1961 में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस योजना का शिलान्यास किया था। पर्यावरणीय मंजूरी सबंधी मुद्दों के चलते इसका काम 1987 में शुरू हुआ पर नर्मदा बचाओ आंदोलन और अदालती आदेश के चलते 1994 से रोक दिया गया निर्माण काम बाद में सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश पर 2000 में शुरू किया गया था। इसकी ऊंचाई को बढाने को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर श्री मोदी ने अनशन भी किया था। सिंचाई, पेयजल और जल विद्युत उत्पादन की इस परियोजना से गुजरात के अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान भी जुडे हैं। कुल लगभग 163 मी की ऊंचाई वाला यह बांध हिमाचल के भाखरा (226 मी) तथा उत्तर प्रदेश के लखवार (196 मी) के बाद तीसरे नंबर का सबसे ऊंचा डैम है। यह कंक्रीट के आयतन के हिसाब से अमेरिका के ग्रांड कूले डैम के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बडा डैम है। इससे गुजरात के 9663 गांवों को पीने का पानी मिलेगा। गत जून में बांध के 30 गेट बंद करने की इजाजत मिलने से इसकी जलग्रहण क्षमता पौने चार गुना बढ गयी। इसकी ओवर फ्लो क्षमता बढ कर 138.68 मीटर हो गयी जो पहले मात्र 121.92 मी थी। संग्रहण क्षमता भी 4.73 मिलियन एकड फीट हो गयी जबकि यह पहले मात्र 1.27 मिलियन एकड फीट ही थी। इस साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इस बांध और नर्मदा परियोजना का एक प्रमुख मुद्दा बना रही सत्तारूढ भाजपा ने इस योजना में रूकावट डालते रहने का और दुष्प्रचार का कांग्रेस पर आरोप लगाया है जबकि कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि अब तक इसकी पाइपलाइन का काम ही पूरा नहीं होने से किसानों को इसका लाभ नहीं होगा।

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