नयी दिल्ली 29 नवम्बर, दक्षिण चीन सागर में चीन के बढते प्रभुत्व के मद्देनजर भारत ने सिंगापुर के साथ सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण समझौता किया है जिसके तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोत सिंगापुर के चांगी नौसैनिक अड्डे पर रूक सकेंगे तथा वहां उन्हें जरूरी रक्षा साजो सामान की आपूर्ति की जा सकेगी। रक्षा मंत्री सीतारमण और भारत की यात्रा पर आये सिंगापुर के रक्षा मंत्री ऐंग इंग हेन्स ने आज यहां दूसरे रक्षा मंत्री स्तरीय संवाद के बाद दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग के एक व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर किये। रक्षा मंत्री स्तर के संवाद के बाद दोनों मंत्रियों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस समझौते की घोषणा की। श्री एेंग ने कहा , “ हम भारतीय नौसैनिक पोतों की चांगी नौसैनिक अड्डे की यात्रा का समर्थन करते हैं। द्विपक्षीय नौसेना समझौते में सैन्य साजो सामान की आपूर्ति का प्रावधान है। ” उन्होंने कहा कि दोनों देश मलक्का जल डमरू मध्य और अंडमान सागर में अपनी गतिविधियां बढायेंगे । भारत ने मलक्का जल डमरू मध्य के पूर्व में स्थित किसी देश के साथ पहली बार सैन्य साजो - सामान समझौता किया है। इसके तहत भारतीय नौसेना को सिंगापुर के नौसैनिक अड्डे पर सभी जरूरी सैन्य साजो सामान की आपूर्ति हो सकेगी। दोनों नेताओं ने कहा कि नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय समझौते से समुद्री सुरक्षा , संयुक्त अभ्यास में सहयोग के साथ साथ दोनों नौसेनाओं के नौसैनिक एक दूसरे के यहां अस्थायी रूप से रूक सकेंगे और सैन्य साजो सामान साझा कर सकेंगे। दोनों देश सिंगापुर-भारत द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास के 25 वर्ष पूरे होने पर इसकी रजत जयंती के मौके को मनाने के लिए उत्सुक हैं।
बुधवार, 29 नवंबर 2017
सिंगापुर में सैन्य साजो-सामान से लैस हाेंगे भारतीय युद्ध पोत
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