"नाम बड़े और दर्शन छोटे" कुछ इसी तरह का वाक्या देखने को मिला मधुबनी के नामी "हार्ट हॉस्पिटल" में । दरअसल यहां ईलाज को आने वाले छोटे से छोटे मर्ज वाले मरीज को भी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में एडमिट कर दिया जाता है और आईसीयू चार्ज और महंगी दवाओं के नाम पर हजारों रुपये मरीज के परिजनों से प्रतिदिन वसूले जाते हैं । हजारों रुपये प्रतिदिन के महंगे आईसीयू का सच तब सामने आया जब एक मरीज के परिजन अपने मरीज से मिलने हार्ट हॉस्पिटल के आईसीयू पहुंचा । पहले तो अस्पताल के कर्मियों ने परिजन को रोका फिर जिद करने पर उन्हें आईसीयू में जाने दिया । जब परिजन आईसीयू का नजारा देखा तो सन्न रह गया, ना तो कोई चिकित्सक और ना ही कोई नर्स अथवा कंपाउंडर । ऐसे में मरीज की निगरानी भगवान भरोसे ही है । इससे स्पष्ट होता है कि कैसे ये बड़े नाम वाले निजी अस्पताल सिर्फ लोगों से रुपये लूटने का अड्डा बनकर रह गया है पर सवाल ये उठता है कि बेहतर चिकित्सा के लिए आमलोग जाएँ तो जाएँ कहां । सरकारी स्वास्थ व्यवस्था की बदहाली का ये निजी अस्पताल भरपूर फायदा उठाते हैं और लोगों की कमाई को मनमाने तरीके से लूटते हैं ।
शनिवार, 25 नवंबर 2017
हार्ट हॉस्पिटल मधुबनी : नाम बड़े और दर्शन छोटे
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