खजुराहो (मध्य प्रदेश), 3 दिसंबर, मध्य प्रदेश के खजुराहो में दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न संगठनों ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में हिस्सा लेने का ऐलान किया है। अन्ना किसानों की समस्याओं और लोकपाल को कमजोर किए जाने के विरोध में 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठने वाले हैं। जल-जन जोड़ो द्वारा आयोजित सम्मेलन के दूसरे दिन पहले सत्र में विभिन्न समूहों द्वारा समस्याओं पर की गई चर्चा के बाद निकले निष्कर्ष का ब्योरा दिया गया। इस मौके पर अन्ना ने वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बने लोकपाल कानून को मोदी सरकार ने और कमजोर करने का काम किया है। अन्ना ने कहा, "अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग आंदोलन करने से सरकारें मांगों को अनसुना कर देती हैं। इसलिए जरूरी हो गया है कि सभी मिलकर एक साथ आंदोलन करें।" उन्होंने कहा कि वह 23 मार्च से रामलीला मैदान में अनशन पर बैठ रहे हैं, और इस बार का आंदोलन वर्ष 2011 से ज्यादा समय तक चलेगा। वह आंदोलन 17 दिनों में पूरा हो गया था, अब हो सकता है कि इस बार आंदोलन 20 दिन से ज्यादा चले। इस मौके पर एकता परिषद के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अन्ना को भरोसा दिलाया कि उनके आंदोलन में 10 हजार से ज्यादा लोग इस इलाके से पहुंचेंगे। जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा, "यह आंदोलन किसी सरकार के विरोध और किसी दल के समर्थन में नहीं है, बल्कि लोगों की समस्याओं को हल कराने के लिए हो रहा है। अन्ना एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं, सरकार को उनकी बात माननी होगी।"
रविवार, 3 दिसंबर 2017

बुंदेलखंड से 10 हजार लोग अन्ना आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली जाएंगे
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