- दमन व धोखाधड़ी के जरिए आंदोलनों को दबाया नहीं जा सकता.
पटना 19 दिसंबर 2017, बिहार के चर्चित कर्मचारी नेता, महासंघ गोप गुट के सम्मानित अध्यक्ष और भाकपा-माले बिहार राज्य कमिटी के सदस्य का. रामबली प्रसाद तथा महासंघ गोप गुट के वर्तमान महासचिव का. प्रेमचंद सिन्हा की गिरफ्तारी की भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से उक्त दोनों नेताओं को गिरफ्तारी किया गया है, वह बेहद खतरनाक संकेत है. आंदोलनकारी नेताओं को वार्ता के बहाने बुलाकर जेल भेजने का काम किया गया है. यह भाजपा-जदयू सरकार की घोर अलोकतांत्रिक व तानाशाही रवैये का दिखलाता है. दमन व धोखाधड़ी के जरिए जनांदोलनों की आवाज को कुचला नहीं जा सकता. बिहार सरकार अब इसी रास्ते चल रही है. माले राज्य सचिव ने आग कहा कि अपनी मांगों को लेकर एएनएम (आर) लंबे समय से आंदोलित हैं. जिसका नेतृत्व हमारे ये दो कर्मचारी नेता कर रहे हैं. एनएम (आर) की मांगों पर 18 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता का लिखित पत्र प्राप्त हुआ था. जब उक्त दोनों नेताओं के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए स्वास्थ्य विभाग पहुंचा, तो वार्ता की बजाए धोखे से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और दिन भर सचिवालय थाने में बैठाकर रखा गया. प्रेमचंद सिन्हा को कल ही और रामबलि प्रसाद को आज जेल भेज दिया गया. काॅ. रामबली प्रसाद को रात भर थाने में बैठकाकर रखा गया. माले नेता ने दोनों नेताओं की अविलंब रिहाई की मांग की है. और बिहार सरकार को चेतावनी दी है कि धोखे के जरिए आंदोलन के दमन से बाज आए.
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